केजरीवाल सरकार का बड़ा फैसला, 13 से 17 नवंबर तक लागू हो सकता है ऑड-ईवन फॉर्मूला

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पड़ोसी राज्यों में खेतों में पराली जलाए जाने से उठने वाले धुएं और दिल्ली की नमी की वजह से राष्ट्रीय राजधानी बुधवार (8 नवंबर) को ‘गैस चैंबर’ में तब्दील हो गई। इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत आने लगी। इस बीच दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए एक बार फिर ऑड-ईवन स्कीम लागू करने का ऐलान कर दिया है।

(Ravi Choudhary/HT Photo)

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि 13 से 17 नवंबर तक ऑड-ईवन फॉर्मूला लागू होगा।

इससे पहले गुरुवार (9 नवंबर) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो ऑड-ईवन पर आज या कल तक फैसला ले लिया जाएगा। केजरीवाल ने कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर तक सिर्फ दिल्ली ही नहीं पूरा उत्तर भारत गैस चेंबर बन गया है।

उन्होंने कहा कि PM लेवल में बढ़त सिर्फ लोकल कारणों से नहीं हुई। दिल्ली के लोग और सरकार सारे जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार हैं। लेकिन यह तब तक संभव नहीं है जब तक फसल जलाने का उपाय नहीं निकलता। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा सरकार राजनीति को एक तरफ रखकर साथ आ जाएं तो एक समाधान मिल सकता है।

इससे पहले बुधवार को दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने पीटीआई-भाषा से कहा था कि सरकार ऑड-ईवन योजना को फिर से लागू करने की तैयारी में है तथा शहर की सड़कों पर और बसें उतारने के इंतजाम किए जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि अगर हवा की गुणवत्ता अत्यधिक गंभीर होती है तो दिल्ली में हम ऑड-ईवन योजना लागू करेंगे। मैंने डीटीसी को निर्देश दिया कि मार्च तक के लिए 500 और बसों का इंतजाम किया जाए।

हरियाणा-पंजाब के मुख्यमंत्रियों से बैठक करने की जताई इच्छा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण का चेताने वाला स्तर कम करने के कदमों पर चर्चा करने के लिए पंजाब एवं हरियाणा में अपने समकक्षों के साथ बैठक करने की इच्छा जताई। इस संबंध में उन्होंने दोनों मुख्यमंत्रियों को एक पत्र भी लिखा है। दिल्ली में वायु की गुणवत्ता कल इस मौसम में सबसे खराब रही।

पराली जलाने से पैदा हुए जहरीले धुएं और नमी के संयुक्त प्रभाव के कारण शहर ‘‘गैस चैम्बर’’ में तब्दील हो गया और लोगों को सांस लेने में दिक्कत हुई। इसके कारण अधिकारियों ने सिलसिलेवार कदम उठाते हुए प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने और पार्किंग शुल्क को चार गुना बढ़ाने की घोषणाएं कीं। शहर में बुधवार को भी धुंध की घनी चादर छाई रही जिसके कारण दृश्यता कम हो गई।

केजरीवाल ने ट्वीट किया,‘‘मैं पंजाब एवं हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर पराली जलाने के समाधान खोजने के लिए उनके साथ एक बैठक करने का अनुरोध कर रहा हूं।’’ भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने दिल्ली में जन स्वास्थ्य को लेकर आपात स्थिति बताते हुए सरकार से अपील की है कि स्कूलों में खुले में होने वाले खेलों और ऐसी अन्य गतिविधियों पर रोक लगाई जाए।

दिल्ली सरकार ने बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दमा एवं हृदय से जुड़ी अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों सहित ऐसे लोगों के लिए स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है, जिनके इससे प्रभावित का खतरा अधिक है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा की सरकारों से नाराजगी जताते हुए पूछा कि इस तरह के हालात बनने का पूर्वानुमान होने के बाद भी रोकथाम के लिए कदम क्यों नहीं उठाये गये।

रविवार तक बंद रहेंगे दिल्ली के सभी स्कूल

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण के ‘‘असहनीय’’ प्रभाव के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने शहर के सभी स्कूलों को रविवार (12 नवंबर) तक बंद रखने की घोषणा की है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बिगड़ रही है।

बुधवार को उन्होंने कई ट्वीट कर कहा, ‘‘दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बिगड़ रही है। ऐसे में बच्चों के स्वास्थ्य से समझौता नहीं किया जा सकता। रविवार तक दिल्ली के सभी स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।’’ उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा है, ‘‘इस आदेश के तहत दिल्ली के सभी सरकारी और निजी स्कूल, सभी कक्षाएं, रविवार तक बन्द रहेंगी।’’

इससे पहले सरकार ने कल निर्देश दिया था कि आज बुधवार को राजधानी में सभी प्राइमरी स्कूल बंद रहेंगे। उसने सभी स्कूली बच्चों के लिए खेल कूद जैसी गतिविधियां बंद रखने का भी आदेश दिया था। हवा की गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स) के आज 500 के स्केल पर 448 पर पहुंचने के बाद यह फैसला लिया गया है।

 

 

 

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