उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के एक स्कूल में दुषित भोजन खाने से करीब 90 छात्रों की तबियत खराब हो गई, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इस घटना की ख़बर लगते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया है। फिलहाल बीमार छात्रों को इलाज के लिए नज़दीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभी तक सभी छात्र ठीक हैं और किसी के भी हालत बिगड़ने की ख़बर नहीं है, इस घटना के सही कारणों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
#UttarPradesh: At least 90 students of a school in Mirzapur fall sick after consuming contaminated food, hospitalized for treatment. pic.twitter.com/Y6Lq5zG7Cr
— ANI UP (@ANINewsUP) October 13, 2017
लेकिन इस घटना से सवाल यह उठता है कि, बार-बार इस तरह की घटना कैसे हो रही है। क्या पहले की घटना से सबक लेते हुए स्कूलों के खान-पान के लिए बेहतर व्यवस्था और निगरानी की व्यवस्था नहीं करनी चाहिए? ख़बरों के मुताबिक, बच्चों के साथ स्कूल में हुई इस घटना पर परिजनों में भी आक्रोश देखने को मिला है, जिन्होंने स्कूल पर कई आरोप लगाए हैं।
बता दें कि, अभी हाल ही में यूनिसेफ की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि 5 वर्ष की आयु तक के सबसे ज्यादा कुपोषित बच्चे भारत में हैं, जिसका सबसे बड़ा हिस्सा झारखंड में है।
जबकि ‘द लैनसेट जर्नल’ के एक अध्ययन ने भारत में रहने वाले बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति पर एक चौंका देने वाला रहस्योद्घाटन किया था, जिसमें 9.7 करोड़ बच्चे कम वजन से पीड़ित हैं। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में दुनिया में मध्यम और गंभीर रूप से कम वजन वाले बच्चों और किशोरों की संख्या सबसे अधिक है।