भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित झारखंड में मॉब लिंचिग का शिकार हुए तबरेज अंसारी हत्याकांड में एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, तबरेज अंसारी की मौत ब्रेन हैमरेज के कारण हुई थी। एसआईटी द्वारा दी गई रिपोर्ट में चिकित्सकों के साथ-साथ सरायकेला व खरसावां पुलिस को दोषी पाया गया है। यह खुलासा एसआईटी द्वारा डीसी को सौंपी गई रिपोर्ट से हुआ है।
NDTV के मुताबिक, राज्य सरकार की ओर से एक जांच दल का गठन किया गया था, जिसने पाया है कि तबरेज की मौत के पीछे पुलिस और डॉक्टर दोनों ही जिम्मेदार हैं। इस जांच दल में सरायकेला खरसावां के उपायुक्त ने सदर एसडीओपी के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया था, जिसमें वहां के सिविल सर्जन भी शामिल थे। बता दें कि पिछले महीने झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले में तबरेज अंसारी की चोरी के आरोप में पिटाई के बाद हुई मौत के मामला काफी सुर्खियों में रहा।
इस रिपोर्ट में पाया गया है कि तबरेज अंसारी की मौत के लिए सिर पर गंभीर चोट लगी, जिसमें उसकी नस फट गई और ब्रेन हेमरेज हो गया। साथ ही इस जांच कमेटी ने यह भी पाया कि पुलिस को समय पर खबर करने के बावजूद वह घटना स्थल पर कई घंटे बाद पहुंची और इस बीच तबरेज की पिटाई भी लगातार जारी रही। इस रिपोर्ट में साथ ही डॉक्टरों की भूमिका पर बड़ा सवाल खड़ा किया गया है।
आरोप है कि ड्यूटी पर मौजूद स्थानीय अस्पताल में किसी भी डॉक्टर ने तबरेज के बार-बार कहने के बावजूद उनका मेडिकल जांच नहीं कराया और जेल जाने के लिए उन्हें फिट होने का रिपोर्ट दिया। जिसके कारण उनकी स्थिति बिगड़ती चली गई और आखिरकार चार दिन बार उनकी मौत हो गई। एनडीटीवी के मुताबिक, तबरेज अंसारी की पत्नी शाहिस्ता परवीन ने कहा, “मुस्लिम होने के कारण उन्हें बेरहमी से पीटा गया। मेरे पास अब कोई नहीं है। मेरे पति मेरा एकमात्र सहारा थे। मुझे न्याय चाहिए।”
वहीं, पुलिस के एक सूत्र ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “जांच के दौरान यह पाया गया है कि तबरेज अंसारी को बचाने के लिए दो थानों के प्रभारी अधिकारी ने समय पर प्रतिक्रिया नहीं दी।” सूत्र ने कहा, “स्थानीय ग्राम प्रधान ने पुलिस को घटना के बारे में देर रात 2 बजे सूचित किया, लेकिन वे 6 बजे घटनास्थल पर पहुंचे।” सूत्र ने बताया, “जिन डॉक्टरों ने तबरेज का इलाज किया, उन्होंने ठीक से नहीं जांचा। एक्स-रे रिपोर्ट में उनकी सिर की हड्डी टूटी हुई पाई गई लेकिन ब्रेन हैमरेज के लिए उनका इलाज नहीं किया गया। उन्हें जेल भेज दिया गया।”
एजेंसी के मुताबिक, अंसारी की हत्या को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने पांच जुलाई को अंसारी की मॉब लिंचिंग के मामले में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शन पर भी एक रिपोर्ट मांगी है। हाई कोर्ट ने पांच जुलाई के विरोध प्रदर्शन पर नाखुशी जाहिर की है, लेकिन पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज होने के बावजूद इस सिलसिले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।
बता दें कि पिछले महीने बाइक चोरी में हाथ होने की आशंका के चलते लोगों के एक समूह ने अंसारी को पीटा और उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को कहा था। घटनास्थल से उनके दो साथी भागने में कामयाब हो गए थे, जिन्हें पुलिस अभी तक खोज नहीं पाई है। मारपीट की घटना के एक हफ्ते बाद अंसारी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। उनकी हत्या के मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।