दिल्ली विश्वविद्यालय(डीयू) के बिजनेस कम्युनिकेशन के किताब में छात्रों को ‘स्कर्ट की तरह छोटा’ ईमेल लिखें जाने की सलाह देने का मामला अभी ठंडा ही नहीं हुआ कि अब गुजरात में छात्रों को हिंदी के किताब में पढ़ाए जा रहे एक शब्द को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है।
दरअसल, गुजरात सरकार के एक स्कूल में क्लास 9वीं के हिंदी की किताब में ईसाई समुदाय के आरार्ध्य भगवान ‘ईसा मसीह’ को ‘हैवान’ जैसे शब्दों से संबोधित किया गया है। जिसे लेकर गुजरात में एक नया विवाद शुरू हो गया है। यह किताब गुजरात स्टेट स्कूल टेक्स्टबुक बोर्ड(GSSTB) द्वारा प्रकाशित किया गया है।
गुजरात बोर्ड की हिंदी की किताब के 16वें पाठ ‘भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य संबंध’ के मुताबिक, ‘इस संबंध में हैवान ईसा का एक कथन सदा स्मरणीय है।’ जिस कथन की बात कही गई है वह है, ‘मेरे अनुयायी मुझसे महान हैं और मैं उनके जूतों में रहने के लायक भी नहीं।’
किताब में ईसा मसीह के नाम के साथ ‘हैवान’ विशेषण का इस्तेमाल करने को लेकर ईसाई समुदाय के लोगों नाराजगी व्यक्त की है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईसाई समुदाय के लोगों ने एक महीने पहले ही इस गलती को लेकर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित कराया जा चुका है। इसके बावजूद इसे लेकर अभी कोई कदम नहीं उठाया गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, गुजरात कैथलिक चर्च के प्रवक्ता फादर विनायक जाधव ने कहा कि इस गलती की ओर GSSTB के अध्यक्ष को एक महीने पहले ही जानकारी दी जा चुकी है। फादर ने कहा कि शुरुआती जांच में ऐसा लगता है कि ‘हैवान’ शब्द गलत टाइपिंग की वजह से रह गया होगा और हम उसे फौरन सुधारे जाने की मांग कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि लेकिन जब इस बाबत हमें बोर्ड की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला तो हम ममाला यूनाइटेड क्रिश्चन फोरम के पास लेकर गए और राज्य शिक्षा मंत्री से इसपर अपना रुख स्पष्ट कराए जाने की मांग का फैसला किया। साथ ही उन्होंने कहा कि यह मामला किसी धर्म से जुड़ी बात नहीं है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता का सवाल है।
हालांकि, मामला सामने आने के बाद राज्य शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चुडासमा ने जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही किताबों में हो रही ऐसी गलतियों को सुधार लिया जाएगा। वहीं, जनसत्ता के मुताबिक, इस बारे में गुजरात स्टेट बोर्ड के चैयरमेन नितिन पैठानी ने कहा कि किताबों में ‘हैवा’ लिखा जाना था, लेकिन गलती से ‘हैवान’ लिखा गया।
उन्होंने ‘हैवा’ का मतलब बताते हुए कहा कि ईसा मसीह के दो चेले थे, आदम ईसा और ‘हैवा’ ईसा, जिनमें से ‘हैवा’ को किताब में गलती से ‘हैवान’ छाप दिया गया। बता दें कि इससे पहले डीयू के बीकॉम की पाठ्यपुस्तक में छात्रों को सलाह दी गई थी कि वह ‘स्कर्ट की तरह छोटा’ ईमेल लिखें, जिससे सभी की रूचि बनी रहे। इस सलाह को लेकर अभी भी विवाद जारी है।