हरियाणा सरकार ने 15 फरवरी को भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दौरे को देखते हुए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) की 150 कंपनियां मांगी हैं। उसी समय जाट समुदाय ने विरोध-प्रदर्शन का ऐलान कर रखा है। फिलहाल, पुलिस विभाग ने अपने कर्मचारियों को छुट्टी देना बंद कर दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सरकार ने CAPF की जो कंपनियां मांगी हैं, वे राज्य में 18 फरवरी तह रह सकती हैं। साथ ही अधिकारी ने कहा कि, ‘देखना है कि गृह मंत्रालय किस स्तर तक हमारी बात सुनता है।’ हरियाणा की आईजी ममता सिंह ने भी इस बात की पुष्टि की है।
यशपाल मलिक के अगुआई में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (AIJASS) ने घोषणा की है कि वह जींद में आयोजित होने वाले अमित शाह के दौरे के दौरान बाइक रैली को रोकेगी। आंदोलनकारियों ने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में जिंद तक पहुंचने की योजना बनाई है।
इस मुद्दे की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठ सरकारी व पुलिस अधिकारियों ने बैठकें कर घटनाक्रम पर चर्चा की। गुरुवार को वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अमित शाह की जींद रैली के स्थल का दौरा किया।
एआईजेएएसएस (AIJASS) अध्यक्ष यशपाल मलिक ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि वे शाह की रैली का विरोध इसलिए करेंगे क्योंकि ‘उनकी मांगों को लेकर बीजेपी नेताओं ने धोखा किया है।’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, AIJASS की ओर से सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण की मांग की जा रही है। इसके अलावा 2016 में विरोध के दौरान भड़की हिंसा में दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग भी की जा रही थी।
आज तक की ख़बर के मुताबिक, जाट आरक्षण आंदोलन में मारे गए लोगों की याद में 18 फरवरी को प्रदेश में बलिदान दिवस मनाया जा रहा है। जिसके चलते 15 फरवरी को जींद के 7 मुख्य रास्तों पर बच्चे और महिलाओं के साथ ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर जाट पहुंचेंगे।