पशुओं की खरीद-बिक्री के बैन को लेकर केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ के विरोध में आईआईटी मद्रास में ‘बीफ फेस्ट’ आयोजित करने वाले छात्र की कथित दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बेरहमी से पिटाई की है। इस हमले में पीएचडी स्कॉलर सूरज आर की आंखों में गंभीर चोट आई हैं। सूरज को पास के नेत्र अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बीफ पार्टी से नाराज अज्ञात लोगों ने आयोजक सूरज को बुरी तरह पीटा। रविवार(28 मई) रात आईआईटी में करीब 80 छात्रों ने केंद्र सरकार के मवेशियों के बिक्री बैन के विरोध में यह यह आयोजित किया था। पीएचडी के छात्र सूरज बीफ फेस्ट के मुख्य आयोजक में से एक थे।
जानकारी के मुताबिक, करीब 80 छात्रों के समूह ने कैंपस में ‘बीफ फेस्ट’ का आयोजन किया था। छात्रों ने आरोप लगाया कि सरकार खाने की आजादी छीन रही है। उन्होंने मंडी में पशुओं की खरीद-बिक्री पर रोक वाली अधिसूचना को बीफ पर बैन करने की दिशा में उठाया गया कदम बताया है।
Chennai (Tamil Nadu): A IIT- Madras PhD scholar attacked allegedly by right-wing students for organising 'Beef Fest' in IIT-M pic.twitter.com/dl6ixlQjbI
— ANI (@ANI) May 30, 2017
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को केंद्र सरकार के फैसले पर मद्रास हाई कोर्ट ने चार सप्ताह के लिए रोक लगा दी है। कोर्ट ने वध के लिए जानवरों की खरीद-बिक्री पर केंद्र के अध्यादेश पर रोक लगाते हुए केंद्र और राज्य सरकारों से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है।
सोमवार(29 मई) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मवेशियों को मंडियों में वध के लिए खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र की अधिसूचना को असंवैधानिक बताते हुए चुनौती दी थी। मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै बेंच ने अंतरिम फैसला सुनाते हुए कहा कि केंद्र सरकार लोगों की ‘फूड हैबिट’ तय नहीं कर सकती।
सेल्वागोमति और आसिक इलाही बाबा की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एमवी मुरधीधरन और जस्टिस सीवी कार्तिकयन ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि खाने को चुनना सबका व्यक्तिगत अधिकार है और किसी को भी उसे तय करने का अधिकार नहीं है।
बता दें कि पशुओं की खरीद बिक्री पर प्रतिबंध लगाने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने कहा कि अगर आज उन्होंने पशु वध को प्रतिबंधित किया है तो वे कल मछली खाने पर रोक लगा देंगे।