पैसे ने होने कि वजह से अस्पताल ने बेटी को डिस्चार्ज करने से किया इंकार, पिता ने की आत्महत्या

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आज के समय में दुनिया में गरीब होना किसी अभिशाप से कम नहीं है, इसका ताजा मामला झारखंड में देखने को मिला है। जहां पर एक व्यक्ति ने इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि अस्पताल वालों ने उसकी बेटी को डिस्चार्ज करने से मना कर दिया क्योंकि उसने अस्पताल का बिल जमा नहीं किया था। मामला झारखंड के बर्दमान नर्सिंग होम का है।

जनसत्ता कि ख़बर के मुताबिक, दुमका का रहने वाला 46 वर्षीय तपन लेटे एक किसान है। तपन ने मंगलवार को गांव के एक पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। तपन के परिवार द्वारा पुलिस को दी गई जानकारी के अनुसार 7 फरवरी को उनकी बेटी ने बीरभूम के रामपूरहट अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे के जन्म देने के बाद उनकी बेटी की हालत ज्यादा खराब हो गई जिसके बाद वहां के डॉक्टरों ने उसे बर्दवान अस्पताल रेफर कर दिया। वहीं डॉक्टरों का इस मामले में कहना है कि उनकी बेटी पोस्टपार्टम न्यूसिया नाम की बीमारी से सफर कर रही थी इसलिए उसे दूसरे अस्पताल में भेजा गया।

वहीं अस्पताल के एक ड्राइवर ने तपन से कहा कि अगर अपनी बेटी का अच्छे से इलाज कराना चाहते हो तो उसे नर्सिंग होम में भर्ती करा दो। पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन दिन बाद नर्सिंग होम ने तपन को उसके बेटी का इलाज का बिल थमाया जो कि 25000 रुपए का था। एक गरीब किसान होने के कारण तपन केवल 13000 हजार रुपए का ही इंतजाम कर पाया। तपन और उसके एक पड़ोसी ने नर्सिंग होम के मेनेजर से काफी गुजारिश की कि उनके पास इतना ही पैसा है और बाकी का पैसे देने वे असमर्थ हैं।

लेकिन नर्सिंग होम वालों ने उनकी एक न सुनी और उन्होंने तपन की बेटी को डिस्चार्ज करने से मना कर दिया जिसके बाद हताश होकर तपन ने आत्महत्या कर ली। वहीं फिलहाल पुलिस मामले कि जांच कर रही है। इस मामले में शनिवार को पुलिस ने नर्सिंग होम के मेनेजर समेत नर्सिंग होम के तीन मालिकों को हिरासत में लिया है।

 

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