हाथरस गैंगरेप केस: पुलिसवालों ने रात 2.30 बजे किया पीड़िता का अंतिम संस्कार, परिजनों को घर में कर दिया गया था बंद

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उत्तर प्रदेश के हाथरस गैंगरेप केस की पीड़िता के परिजनों की मर्जी के खिलाफ प्रशासन द्वारा अंतिम संस्कार पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा और मायावती ने योगी सरकार को घेरा है। वहीं, इस मामले में मचे बावाल के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया है। इस मामले पर पीएम मोदी ने भी संज्ञान ले लिया है।

हाथरस

बता दें कि, हाथरस गैंगरेप पीड़िता का शव मंगलवार देररात दिल्‍ली के सफदरजंग अस्‍पताल से उनके गांव पहुंचा, जहां पीड़िता के शव को लेकर गांव वालों ने भारी हंगामा और विरोध प्रदर्शन किया। यूपी पुलिस ने भारी हंगामे और विरोध प्रदर्शन के बीच पीड़िता का रातों-रात अंतिम संस्कार कर दिया गया। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि घर वालों की मर्जी से ही अंतिम संस्‍कार किया गया है पर मौके से जो वीडियो और तस्‍वीरें सामने आई हैं, उससे तो यही लग रहा कि पुलिस ने बलपूर्वक अंतिम संस्‍कार किया है।

पुलिसवालों ने रात 2.30 बजे किया पीड़िता का अंतिम संस्कार

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता का अंतिम संस्कार यूपी पुलिस ने रात करीब 2.30 बजे किया। आरोप है कि इस दौरान पुलिसवालों ने मृतक के परिजनों को घर में बंद कर दिया था। देर रात के दृश्यों में कैप्चर किए गए घटनाओं में विचलित करने वाला दृश्य कैद हुआ है, जिसमें पीड़ित परिवार को पुलिस के साथ बहस करते हुए देखा गया है। मृतक के रिश्तेदार खुद शव ले जाने वाली एम्बुलेंस के आगे आ खड़े हुए और गाड़ी की बोनेट पर लद गए लेकिन पुलिसवालों ने उन्हें हटाकर दाह संस्कार कर दिया।

मृतक युवती के भाई का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें बताए बिना शव को घर से दूर ले गई और चुपचाप उसका अंतिम संस्कार कर दिया। मृतक के पिता और भाई पुलिस एक्शन के खिलाफ विरोध में धरने पर बैठ गए। इसके बाद पुलिस के अफसर उन्हें काली स्कॉर्पियो में बिठाकर कहीं और ले चले गए। गांव वालों ने भी इस दौरान पुलिस कार्रवाई का विरोध किया। इस घटना के बाद इलाके में पुलिस के खिलाफ भारी रोष है।

सीएम योगी ने SIT का किया गठन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में दलित युवती के साथ हुये कथित सामूहिक बलात्कार और बाद में इलाज के दौरान हुई उसकी मौत के मामले में बुधवार को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया, जिसके अध्यक्ष उप्र शासन के गृह सचिव भगवान स्वरूप होंगे। एसआईटी अपनी रिपोर्ट सात दिन में पेश करेगी। डीआईजी चंद्र प्रकाश और आईपीएस पूनम को इसका सदस्य बनाया गया है। एसआईटी एक सप्ताह में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस की घटना के लिए दोषी व्यक्तियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाने और प्रभावी पैरवी करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।

पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री से बात कर लिया संज्ञान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथरस सामूहिक दुष्कर्म मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा किये गये एक ट्वीट के मुताबिक, ”मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाथरस की घटना की जांच के लिये तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गयी है, जिसमें अध्यक्ष सचिव गृह, भगवान स्वरूप होंगे जबकि पुलिस उप महानिरीक्षक चंद्रप्रकाश व सेनानायक,पीएसी आगरा, पूनम सदस्य होंगे। एसआईटी अपनी रिपोर्ट सात दिन में पेश करेगी।”

उत्तर प्रदेश के जनपद हाथरस में चंदपा की दुष्कर्म पीड़िता का शव उसके गांव बूलगढ़ी में बुधवार को कड़ी सुरक्षा में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इससे पहले शव को घर की जगह अंत्येष्टि स्थल पर ले जाने को लेकर गांव में विरोध शुरू हो गया। परिजन एंबुलेंस के आगे लेट गए। उनकी मांग थी कि शव को पहले घर पर ले जाया जाए। इसको लेकर लोगों की पुलिस से धक्कामुक्की भी हुई। रात करीब सवा दो बजे तक मान-मनौव्वल का दौर चलता रहा। बाद में पुलिस प्रशासन ने बलपूर्वक एंबुलेंस के सामने लेटी महिलाओं को हटाया। इस दौरान धक्कामुक्की और खींचतान भी हुई। वहां पर चीख-पुकार मचने लगी। इसके बाद शव को श्मशान ले जाया गया और करीब ढाई बजे बिटिया के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की हुई थी मौत

गौरतलब है कि, यूपी के हाथरस में दलित युवती के साथ निर्भया जैसी हैवानियत पर सियासत गरमा गई है। सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश झलक रहा है। दिल्ली के जिस सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता ने आखिरी सांस ली, उसके बाहर प्रदर्शन हुआ, कैंडल मार्च निकला। यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग हो रही है। कांग्रेस ने इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘खामोशी’ पर सवाल उठाया है।

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