कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच हरियाणा की भाजपा सरकार ने ऐलान किया है कि राज्य में कोरोना मरीजों को रामदेव की कंपनी पतंजलि की विवादित आयुर्वेदिक दवा ‘कोरोनिल’ की किट दी जाएगी। राज्य के मंत्री अनिल विज ने ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी है, जिसके बाद हरियाणा सरकार के इस फैसले की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना भी की जा रही हरियाणा सरकार के इस ऐलान पर रामदेव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने सोमवार (24 फरवरी) को अपने ट्वीट में लिखा, “हरियाणा में कोविड मरीजों के बीच एक लाख पतंजलि की कोरोनिल किट मुफ्त बांटी जाएंगी। कोरोनिल का आधा खर्च पतंजलि ने और आधा हरियाणा सरकार के कोविड राहत कोष ने वहन किया है।”
अनिल विज के ट्वीट पर प्रतिक्रियां देते हुए रामदेव ने लिखा, “हरियाणा सरकार की तरह दूसरी केंद्र व राज्य सरकारों को भी कोरोनामुक्ति की ऐसी पहल के लिए आगे आना चाहिए। पतंजलि अपने सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।”
हरियाणा सरकार की तरह दूसरी केंद्र व राज्य सरकारों को भी कोरोनामुक्ति की ऐसी पहल के लिए आगे आना चाहिए।
पतंजलि अपने सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। https://t.co/uDoU3Ovg8X— स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) May 24, 2021
अनिल विज अपने इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए, लोग उनकी आलोचना करते हुए जमकर खरी-खोटी सुना रहे है। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने अपने ट्वीट में लिखा, “आपने कोरोना होने पर अपना इलाज मेदांता हॉस्पिटल, गुड़गाँव में क्यों कराया? घर पर रहकर कोरोनिल क्यों नहीं ली?”
विनोद कापड़ी ने अपने ट्वीट में लिखा, “जब आप पूरे NCR के सबसे महँगे और प्रतिष्ठित अस्पताल #Medanta में कोरोना के इलाज के लिए भर्ती हुए थे तो वहाँ भी आपको Coronil kit दी गई थी अनिल विज? आप ज़रूर बताइए।”
एक अन्य यूजर ने लिखा, “जो सरकारें वैक्सीन नहीं लगवा पा रही हैं वो एक फर्जी दवा बांट रही हैं। हमारे देश में आम जनता की जान की कोई कीमत नहीं है।” एक अन्य यूजर ने सवाल उठाते हुए लिखा, “आपने कोरोनिल किट क्यों नही लिया था? क्यों मेदांता मे एलोपेथी दवाइयाँ खाने पहुँच गए थे, मरीजों की जिंदगी से क्यों खिलवाड कर रहे हो…” बता दें कि, इसी तरह तमाम यूजर्स इसपर ट्वीट करते हुए अपने प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं।
देखें कुछ ऐसे ही ट्वीट
आपने कोरोना होने पर अपना इलाज मेदांता हॉस्पिटल, गुड़गाँव में क्यों कराया? घर पर रहकर कोरोनिल क्यों नहीं ली?
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) May 24, 2021
This is what Haryana Minister says: this is a scandal which needs a CBI investigation. Ministers who support quackery should be dismissed https://t.co/YYXYJwVfcD
— RadhakrishnanRK (@RKRadhakrishn) May 25, 2021
Marketing Coronil officially https://t.co/CNRZSNalOy
— Aurangzeb Naqshbandi (@naqshzeb) May 25, 2021
Himself got treated for Covid in one of the costliest private hospitals for allopathy & distributing quack packets to the public ! https://t.co/u17pGAjYvm
— Nagendar Sharma (@sharmanagendar) May 25, 2021
What to say? Path-breaking decision https://t.co/iHTuOQyGRL
— Faisal Malik فیصل ملک फैसल मलिक (@faisalmushtaque) May 24, 2021
जब आप पूरे NCR के सबसे महँगे और प्रतिष्ठित अस्पताल #Medanta में कोरोना के इलाज के लिए भर्ती हुए थे तो वहाँ भी आपको Coronil kit दी गई थी @anilvijminister ? आप ज़रूर बताइए @medanta https://t.co/7UWhxy6DLB
— Vinod Kapri (@vinodkapri) May 25, 2021
आपको जब कोरोना हुआ तो पर अपना इलाज मेदांता हॉस्पिटल गुड़गाँव में क्यों कराये? घर पर रहकर कोरोनिल लेना था न? https://t.co/YAXi8VMgOM
— Vinay Mishra (MLA-Dwarka) (@vinaymishra_aap) May 24, 2021
बाबा जी की बूटी https://t.co/cvpf38pud7
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) May 24, 2021
जो सरकारें वैक्सीन नहीं लगवा पा रही हैं वो एक फर्जी दवा बांट रही हैं। हमारे देश में आम जनता की जान की कोई कीमत नहीं है।https://t.co/w9mznVlOBX
— Prof. Satish Pandey (@SatishPan2013) May 24, 2021
सरकारी ख़ज़ाने की लूट है । दवा का कोई वैज्ञानिक आधार नही ।₹ 20 या 25 का कोरोनील की क़ीमत ₹400 रखकर और फिर कहना की आधे दाम पर है।इसका विरोध और बहिष्कार हो।@INCIndia @INCHaryana @PTI_News @ANI @RahulGandhi @kumariselja https://t.co/tDYKpPxNiI
— Dr. Udit Raj (@Dr_Uditraj) May 25, 2021
Shame on you #BJP #ModiMadeDisaster
I do hope every doctor in the country refuses to treat you and anyone propagating this shit. https://t.co/WW8tShx0nj— D.K. (@tiredindian24) May 25, 2021
आपने कोरोनिल किट क्यों नही लिया था? क्यों मेदांता मे एलोपेथी दवाइयाँ खाने पहुँच गए थे, मरीजों की जिंदगी से क्यों खिलवाड कर रहे हो… https://t.co/quu7sVwfom
— Rani Rajesh (@rani_0077) May 25, 2021
गौरतलब है कि, हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में कोरोना के मामलों में काफी इजाफा हुआ है। राज्य की भाजपा सरकार ने इसके लिए किसानों के आंदोलन में हिस्सा लेने को जिम्मेदार ठहराया है। राज्य के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की बैठकों ने कोरोना के सुपर स्प्रेडर की भूमिका निभाई है जिससे केसेज बढ़े हैं।
बता दें कि, फरवरी महीने में रामदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की मौजूदगी में कोरोनिल को लॉन्च किया था। रामदेव ने दावा किया था कि यह कोरोना की पहली दवा है, इसके बाद इस पर काफी विवाद भी हुआ था। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सवाल किया था कि एक डॉक्टर और एक स्वास्थ्य मंत्री कैसे देश में एक ‘अवैज्ञानिक’ प्रोडेक्ट को देश में बढ़ावा दे सकते हैं।