केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने सोमवार(12 जून) को कहा कि राजग सरकार प्रेस की आजादी में विश्वास करती है, क्योंकि सरकार लोकतंत्र की बेहतरी के लिय एक सजग मीडिया चाहती है। उन्होंने कहा कि प्रेस की आजादी पर हम कभी समझाौता नहीं करेंगे। जब तक राष्टीय सुरक्षा, एकता और देश की अखंडता से संबद्ध मुद्दा नहीं हो और स्थापित सामाजिक क्रम किसी खतरे में नहीं आता है तब तक सरकार इसमें कभी दखल नहीं देगी।
नायडू ने कहा कि आप देख सकते हैं कि सरकार मीडिया से कितनी आलोचना का सामना करती है। यहां तक कि प्रधानमंत्री की भी आलोचना होती है, लेकिन सरकार इसमें कभी दखल नहीं देती। उन्होंने कहा कि दिल्ली स्थित राष्टीय दैनिक अखबार कभी भी नरेंद्र मोदी के खिलाफ लिखने में नहीं हिचकते।
उन्होंने कहा कि लेकिन हमने कभी प्रतिक्रिया नहीं की है। एनडीटीवी मामले को राजनीतिक रंग देना दुर्भाग्यपूर्ण है।गौरतलब है कि दिल्ली स्थित एनडीटीवी के कार्यालयों एवं परिसरों पर हालिया सीबीआई छापे के बाद मोदी सरकार आलोचना के घेरे में आ गई थी। कई पत्रकारों ने इस घटना को प्रेस की आजादी पर कुठाराघात बताया था।
बैंक से धोखाधड़ी के आरोप में 5 जून को वरिष्ठ पत्रकार और न्यूज चैनल NDTV के सह-संस्थापक और कार्यकारी सह-अध्यक्ष प्रणय रॉय के आवास और कार्यालयों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने छापेमारी की थी। जिसके बाद प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में NDTV के समर्थन में सैकड़ों पत्रकारों का जमावाड़ा लगा। प्रेस की आजादी को खतरें में बताते हुए पत्रकारों ने इसे बोलने की आजादी पर हमला बताया था।