अयोध्या विवाद पर केंद्र सरकार के पक्ष में ऐतिहासिक फैसला देने वाले भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई को सरकार ने ‘जेड प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला लिया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 66 वर्षीय गोगोई को देश भर में उनकी यात्रा के दौरान केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के सशस्त्र कमांडो सुरक्षा प्रदान करेंगे। राज्यसभा सदस्य गोगोई को पहले दिल्ली पुलिस सुरक्षा मुहैया करा रही थी।
सूत्रों ने बताया कि सीआरपीएफ वीआईपी सुरक्षा ईकाई है और गोगोई 63वें व्यक्ति हैं जिन्हें बल द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ के 8 से 12 कमांडो का सशस्त्र सचल दस्ता यात्रा के दौरान पूर्व प्रधान न्यायाधीश की सुरक्षा करेगा। उनके घर पर भी ऐसी ही दस्ता सुरक्षा में तैनात रहेगा।
बता दें कि, गोगोई नवंबर, 2019 में प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए और बाद में सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया। जेड प्लस कैटेगरी के लोगों की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) करता है और जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा देश के चुनिंदा लोगों को मिली हुई है।
रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। रंजन गोगोई की अगुआई वाली बेंच ने ही राम मंदिर मामले में फैसला सुनाया था। उन्होंने इस मामले में लगातार 40 दिनों तक सुनवाई कर केस का निपटारा किया था। न्यायमूर्ति गोगोई देश के 46वें प्रधान न्यायाधीश रहे। उन्होंने देश के प्रधान न्यायाधीश का पद तीन अक्टूबर 2018 से 17 नंवबर 2019 तक संभाला।