उत्तर प्रदेश में स्वाइन फ्लू के कहर को देखते हुए पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर और माशूर सुन्नी मौलाना खालिद रशीद फिरंगिमहली ने फरमान जारी कर कहा है कि इस बार बकरीद की नमाज़ अता करने के बाद एक दूसरे से गले ना मिलें नमाज़ी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मौलाना ने अपील जारी करते हुए कहा है कि बकरीद की नमाज़ के बाद गले न मिलें बल्कि सलाम कर के मुबारकबाद दें क्योंकि गले मिलने से स्वाइन फ्लू का ख़तरा है। वहीं शिया मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा है कि गले मिलते वक़्त मास्क लगाएं।
गौरतलब है कि, ईद पर कुछ लोग तीन बार गले मिलते हैं तो कुछ एक बार भारत-पाकिस्तान, बांग्लादेश में ईद की मुबारकबाद देने का यह रवायती तरीक़ा है।
NDTV की ख़बर के मुताबिक पर्सनल लॉ बोर्ड के मेंबर और माशूर सुन्नी मौलाना खालिद रशीद फिरंगिमहली ने कहा है कि, उत्तर प्रदेश की 20 फीसद आबादी मुस्लिम है। इनमें से ज़्यादातर लोग ईद में नमाज़ पढ़ते हैं और एक दूसरे के गले मिलते हैं।
चूंकि हाथ मिलाने या गले लगने से स्वाइन फ्लू के इन्फेक्शन का ख़तरा है, इसलिए ईद की नमाज़ के बाद गले मिलने के बजाए सिर्फ़ सलाम कर के मुबारकबाद दें। खुदा भी अपने बंदों की हिफ़ाज़त चाहता है, अगर कोई त्योहार स्वाइन फ्लू फैलने की वजह बन जाए तो यह शर्म की बात होगी।
बता दें कि, शनिवार(2 अगस्त) को बकरीद का त्यौहार मनाया जा रहा है और इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग बकरे की कुर्बानी देते हैं और नमाज पढ़ते हैं। ख़बरों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के 75 में से 66 ज़िलों में स्वाइन फ्लू के मरीज़ मिले हैं, लेकिन स्वाइन फ्लू के कुल 2725 मरीज़ों में 1622 सिर्फ़ लखनऊ में हैं, 12 की मौत हो गई है।