देश की राजधानी दिल्ली के एक निजी अस्पताल के कोरोना वार्ड में काम करने वाले डॉक्टर विवेक राय ने मालवीय नगर स्थित अपने घर में आत्महत्या कर ली। 35 वर्षीय विवेक राय दिल्ली के मालवीय नगर में अपनी पत्नी के साथ रहते थे और वह साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर के पद पर कार्यरत थे। पुलिस ने बताया कि मालवीय नगर पुलिस थाने को शुक्रवार रात को सूचना मिली।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर ने कहा कि पुलिस मालवीय नगर में इमारत की दूसरी मंजिल पर पहुंची तो उसने एक व्यक्ति को साड़ी से बनाए गए फंदे से लटकता पाया। उन्होंने कहा कि मृतक की पहचान विवेक राय के रूप में हुई जो पेशे से डॉक्टर थे। राय साकेत के मैक्स अस्पताल में कार्यरत थे और मालवीय नगर में अपनी पत्नी के साथ रहते थे।
पुलिस ने कहा कि कमरे की तलाशी लेने पर एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें किसी के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाए गए थे। कथित तौर पर राय द्वारा लिखे गए इस पत्र में उन्होंने अपने सभी परिचितों के लिए शुभकामनाएं लिखीं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के पूर्व प्रमुख डॉक्टर रवि वानखेड़कर ने ट्वीट कर दावा किया कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते विवेक तनाव में थे। इसी वजह से उन्होंने खुदकुशी जैसा घातक कदम उठाया। IMA के पूर्व चीफ डॉक्टर रवि वानखेड़कर ने इस बारे में ट्वीट किया, ‘गोरखपुर के रहने वाले विवेक राय एक बेहद काबिल डॉक्टर थे। उन्होंने महामारी के दौर में सैकड़ों लोगों की जान बचाई।’
उन्होंने कहा कि डॉक्टर राय पिछले एक महीने से अस्पताल में कोविड मरीजों को देख रहे थे। वो हर रोज 7 से 8 गंभीर हालत के मरीजों का इलाज कर रहे थे। कोरोना की वजह से लोगों की मौत से वो डिप्रेशन का शिकार हो गए। इसी स्थिति से आजिज आकर उन्होंने अपना जीवन खत्म करने का फैसला किया।
पूर्व IMA प्रमुख ने ट्वीट किया, ‘यह घटना कोविड संकट का प्रबंधन करते समय जबरदस्त भावनात्मक तनाव को ध्यान में लाती है। एक युवा डॉक्टर की मौत ‘सिस्टम’ द्वारा हत्या से कम नहीं है, जिसने बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के साथ निराशा पैदा की है। खराब विज्ञान, खराब राजनीति और खराब शासन।’
This brings into focus d tremendous emotional strain hcws r having while managing C19 crisis.This death of a young dr is nothing short of murder by d “system “ which has created frustrations d/t shortages of basic health care facilities.Bad Science,Bad Politics & Bad Governance
— Prof Dr Ravi Wankhedkar (@docraviw) May 1, 2021