बीजेपी के तमाम नेताओं के उकसाने के बाद भी दिल्ली एनसीआर के लोगों ने दिवाली के त्यौहार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए कम पटाखें जलाएं। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के स्तर पर प्रतिकूल लगाने के लिए इस बार दिवाली के मौके पर दिल्ली सहित एनसीआर में 31 अक्टूबर तक पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया है। कोर्ट के इस फैसले का कुछ लोगों ने स्वागत किया है तो कई इससे निराश भी हुए हैं।
नोएडा के स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले त्यौहारों की तुलना में इस बार शोर स्तर 1/10 भी नहीं था। क्षेत्र के पॉश हाउसिंग सोसायटी, नोएडा सेक्टर 93 में रहने वाले एक आईटी पेशेवर सुधांशु द्विवेदी ने जनता का रिपोर्टर को बताया कि उन्होंने इस बार अपने बच्चों को दिवाली पर पटाखा फोटने के लिए उत्साहित नहीं किया।
साथ ही उन्होंने बताया कि, हमारे यहां के लोगों ने इस बार व्हाट्सएप मैसेज के जरीए एक-दूसरे को बताया कि हम और हमारे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए इस बार पटाखें नहीं जला सकते है। इसी प्रकार का संदेश हमारे बच्चों को उनके स्कूलों में भी दिया गया था।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केवल पटाखे की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन हमने एक कदम आगे बढ़ने का फैसला किया है और बिना शोर के दीवाली का त्यौहर मनाने का फैसला लिया।
नोएडा के सेक्टर 104 में रहने वाले निशका गोस्वामी का कहना है कि, पिछले साल के मुताबिक इस बार उनके सोसाइटी में पटाखों का कोई नामों निशान ही नहीं था। उन्होंने भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि, इस मामले में अदालत ने हस्तक्षेप किया।
साथ ही उन्होंने कहा कि, मुझे पता है कि कुछ राजनीतिक दल के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ विरोध किया, लेकिन यह मुद्दा हमारे और हमारे बच्चों की स्वास्थ्य के बारे में है। फटाखे जलाना हिंदू संस्कृति का हिस्सा नहीं है, यह एक ऐड-ऑन है।
हाल ही में नोएडा के सेक्टर 137 में गए आदित्य राणे ने बताया कि जब वह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमान से उतरे तो दिल्ली के आसमान पर कोहरे का स्तर देखकर चिंतित थे। उन्होंने बताया कि मैं पुणे से आ रहा था और जैसे ही मेरा विमान दिल्ली में उतरना शुरू हुआ तो मैं आसमान पर कोहरे का स्तर देख हैरान हो गया।
उन्होंने कहा कि मुझे साफ दिख रहा था कि दिल्ली का मौसम साफ है, लेकिन उसके बावजूद भी आसमान में बादलों की आशंका है। यह दिवाली से पहले था। उन्होंने बताया कि कि यह मेरे लिए ट्रिगर पल था। मेरे 7 और 3 वर्ष के दो बच्चे हैं। मैंने प्रदूषण को देखते हुए इस दिवाली पर अपने बच्चों के साथ पटाखों को ना फोटने का फैसला किया।
दिल्ली-NCR में पटाखों की बिक्री पर रोक:
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 अक्टूबर को कहा था कि पिछले साल नवंबर में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पटाखों की बिक्री पर उसके द्वारा लगाई गई रोक 31 अक्टूबर 2017 तक जारी रहेगी। न्यायमूर्ति ए के सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पटाखों की बिक्री पर लगी रोक को अस्थायी रूप से हटाने और पटाखों की बिक्री की इजाजत देने वाला शीर्ष अदालत का 12 सितंबर का आदेश एक नवंबर से लागू होगा।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पटाखों की बिक्री पर रोक के दिए गए फैसले में बदलाव की मांग को लेकर व्यवसायियों का एक समूह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन उसके बाद भी सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार(13 अक्टूबर) को पटाखा विक्रेताओं को राहत देने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने व्यापारियों को याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि था दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक बरकरार रहेगी।
कोर्ट के इस फैसले का कुछ लोगों ने स्वागत किया है तो कई इससे निराश भी हुए हैं। दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री बैन होने के बाद सोशल मीडिया से लेकर बुद्धिजीवी वर्ग में बहस छिड़ी हुई है। निराश लोगों में बीजेपी नेता ताजिंदर बग्गा भी शामिल थे। इसी बीच, बग्गा की फोटोज़ सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें वो बच्चों को पटाखें बांटते हुए दिख रहें है। उनकी यह वीडियो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद का है।
Ban is only on “sale” of firecrackers in Delhi-NCR. No bar on distribution.
Wish @TimesNow reads the SC judgement first. @TajinderBagga pic.twitter.com/aH2dqofyCF— I.B.T.L (@IndiaBTL) October 17, 2017
सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि अकेले पटाखों से ही प्रदूषण नहीं होता। दिल्ली-एनसीआर में पटाखा बिक्री पर बैन को लेकर पूछे सवाल के जवाब में शिवराज ने कहा था कि, ‘अकेले पटाखों के चलते ही प्रदूषण नहीं होता।
Crackers alone don't contribute to pollution. We will light earthen lamps and also burst a few crackers: MP CM Shivraj Singh Chouhan pic.twitter.com/bWOWvjhTJC
— ANI (@ANI) October 18, 2017
हम मिट्टी के दीये जलाएंगे और कुछ पटाखे भी फोड़ेंगे।’ मीडिया से बात करते हुए शिवराज ने कहा था कि, ‘पर्यावरण महत्वपूर्ण है, लेकिन परंपराएं अपनी जगह हैं। इसलिए हम परंपरागत रूप से ही दिवाली मनाएंगे।’
इसी बीच त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय मंगलवार(17 अक्टूबर) को ट्वीट करते हुए कहा था कि, ”हर दिवाली पर पटाखों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को लेकर विवाद शुरू हो जाता है, जो साल में कुछ ही दिन जलाए जाते हैं। लेकिन रोज सुबह 4.30 बजे लाउडस्पीकर पर अजान को लेकर कोई लड़ाई नहीं होती।”
अपने दूसरे ट्वीट में राज्यपाल ने कहा था कि, “लाउडस्पीकर पर अजान से होने वाले प्रदूषण पर सेक्युलर लोगों की चुप्पी ने मुझे हैरान करती है। कुरान या किसी हदीस में लाउडस्पीकर पर अजान की बात नहीं कही गई है।” एक अन्य ट्वीट में रॉय ने लिखा है कि मुअज्जिन को मीनर पर तेज आवाज में अजान करना होता है ऐसे में मीनारें बनाई गई है, लाउडस्पीकर का प्रयोग इस्लाम के खिलाफ हैं।
बता दें कि इससे पहले भी राज्यपाल ने विवादित ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की खरीद-बिक्री पर बैन के फैसले पर नाखुशी जाहिर की थी। मंगलवार(10 अक्टूबर) को उन्होंने ट्वीट करते हुए लिथा था कि, ”कभी दही हांडी, आज पटाखा, कल को हो सकता है प्रदूषण का हवाला देकर मोमबत्ती और अवार्ड वापसी गैंग हिंदुओ की चिता जलाने पर भी याचिका डाल दे!”