उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर पुलिस की पिटाई से हुई कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष कुमार गुप्ता की मौत का विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच, मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई है, जिसने सबको चौंका दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उनके सिर, चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोट के निशान हैं। हालांकि, पुलिस ने घटना के बाद अपने पहले बयान में इसे हादसे में हुई मौत बताया था।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अपराधियों की चेकिंग के दौरान थाना रामगढ़ताल की पुलिस एक होटल में गई। वहां पर एक कमरे में तीन संदिग्ध युवक अलग-अलग शहर से आए थे। इस सूचना पर पुलिस होटल मैनेजर को साथ में लेकर कमरे की चेकिंग करने गई, जहां पर हड़बड़ाहट में एक युवक (मनीष) की कमरे में गिरने से चोट लग गई। इसके बाद पुलिस ने तत्काल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
थाना रामगढ़ताल पुलिस द्वारा संदिग्ध व्यक्तियों की चेकिंग के दौरान होटल में हुई घटना के सम्बन्ध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर द्वारा दी गयी वीडियो बाइट।@IPS_VipinTada @dgpup @AdgGkr @kumararunmunna @SATISHP2010 @bstvlive @Live_Hindustan @AmarUjalaNews pic.twitter.com/ygRs8gDDJT
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इस मामले में व्यापारी की पत्नी की तहरीर में नामजद छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है। इनमें एसएचओ जगत नारायण सिंह, अक्षय मिश्रा और विजय यादव के साथ सब इंस्पेक्टर राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव और कॉन्स्टेबल प्रशांत कुमार शामिल हैं।
गोरखपुर पुलिस ने एक ट्वीट में कहा था, “प्रकरण में 06 पुलिस कर्मियो को निलम्बित किया गया है। पीड़िता की तहरीर पर निष्पक्ष जांच के लिए FIR करवायी गई है। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुकम्पा धनराशि दी गयी है।”
प्रकरण में 06 पुलिस कर्मियो को निलम्बित किया गया है। पीड़िता की तहरीर पर निष्पक्ष जांच के लिए FIR करवायी गयी है। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुकम्पा धनराशि दी गयी है ।
— GORAKHPUR POLICE (@gorakhpurpolice) September 29, 2021
बता दें कि, मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों हरदीप सिंह चौहान और प्रदीप सिंह चौहान के साथ सोमवार सुबह गोरखपुर घूमने गए थे। यहां ये लोग होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहरे थे। हरदीप ने बताया कि सोमवार रात 12:30 बजे पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। मनीष को सोते हुए जगाया तो उन्होंने पूछा इतनी रात में चेकिंग किस बात की हो रही है। क्या हम आतंकी हैं? इस पर पुलिस वालों ने उसे पीटना शुरू दिया। इसके बाद घायल मनीष को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार मौत के 53 घंटे बाद गुरुवार सुबह हुआ। इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने को अड़े पीड़ित परिजन मनीष का अंतिम संस्कार नहीं कर रहे थे। फिर, बुधरात देर रात कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण समेत कई आला अधिकारी मनीष के घर पहुंचे और उनकी पत्नी मीनाक्षी से बात की।
इस दौरान असीम अरुण ने कहा कि गुरुवार को परिवार की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कराई जाएगी, जिसके बाद पीड़ित परिजनों मनीष के अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए।