राजधानी दिल्ली में बुधवार (26 सितंबर) को एक पुरानी इमारत गिरने से बड़ा हादसा हो गया है। उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के अशोक विहार में बुधवार को पांच मंजिला ‘कमजोर’ इमारत के ढहने से चार बच्चों और दो महिलाओं सहित सात लोगों की मौत हो गई। तीन हफ्ते पहले ही शिकायतें मिलने के बाद नगर निगम की एक टीम ने 20 साल पुराने इस ढांचे का निरीक्षण किया था।
दिल्ली सरकार ने घटना के मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं और पुलिस ने इस संबंध में इमारत के मालिक धर्मेंद्र, उसके व्यापारिक सहयोगी सचिन और सचिन के पिता रोशन लाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है जिसमें अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है। इन लोगों ने अशोक विहार में इमारत को किराए पर उठाया था। सभी आरोपी फरार हैं।
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, एक ओर पुलिस ने दावा किया है कि इमारत के खतरनाक स्थिति में होने की शिकायतें मिलने के बाद नगर निगम की एक टीम ने 20 दिन पहले इस इमारत का निरीक्षण किया था। वहीं उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने दावा किया है कि इमारत को खतरनाक घोषित नहीं किया गया था और उस इमारत के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली।
पुलिस ने बताया कि इमारत की जर्जर स्थिति के संबंध में 16 अगस्त 2017 को एक शिकायत दर्ज कराई गई थी और एमसीडी की एक टीम ने 20 दिन पहले ही इमारत का निरीक्षण किया था। इमारत के भूतल में एक दुकान थी जबकि दूसरे एवं तीसरे तल पर किराएदार रहते थे। एक तल खाली पड़ा था। घटना के वक्त इमारत के अंदर 12 लोग मौजूद थे। घायलों को तत्काल दीपचंद बंधु अस्पताल ले जाया गया।
भूतल पर मौजूद दुकान बंद थी जबकि प्रथम तल खाली था। इमारत की दूसरी मंजिल पर एक परिवार रह रहा था। घटना में मारे गए दो बच्चे आशी और शौर्य भाई-बहन थे जिनकी उम्र क्रमश: तीन और दो साल थी। तीसरी मंजिल पर दो परिवार रह रहे थे। हादसे में मारी गई मुन्नी नाम की महिला तीसरी मंजिल पर बने मकानों में से एक में रहती थी। इस मंजिल पर रह रहे दूसरे परिवार के दो बच्चों- चार साल के रजनेश और 12 साल के सुमनेश की भी इस हादसे में जान चली गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि चौथी मंजिल पर पति-पत्नी नरोत्तम और निशा रहते थे।
#Delhi Building Collapse – 5 dead including four children in Bharat nagar, Ashok Vihar pic.twitter.com/S97uJGjm6V
— Kirandeep (@raydeep) September 26, 2018
अस्पताल में मौजूद रजनेश और सुमनेश की मां विमलेश ने कहा ‘‘मैं जैसे ही घर से निकली और कुछ मीटर दूर पहुंची, मैंने एक जोरदार आवाज सुनी। जब मैंने मुड़कर देखा तो इमारत ताश के पत्तों की तरह बिखरी नजर आई। मैं अपने परिवार के सदस्यों की स्थिति का पता चलने का इंतजार कर रही हूं।’’ स्थानीय लोगों का दावा है कि इमारत के साथ ही उसके पास लगा शीशम का एक पेड़ भी टूट गया।
एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इमारत कम से कम 20 वर्ष पुरानी थी और खस्ताहाल थी। घटना के बाद भाजपा शासित उत्तरी दिल्ली नगर निगम आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के निशाने पर आ गई। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटनास्थल का दौरा किया और उन्होंने नगर निगम पर इमारतों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी ठीक ढंग से नहीं निभाने का अरोप लगाया।
दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अजय माकन ने भाजपा शासित नगर निगम को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया वहीं भाजपा की दिल्ली इकाई ने उप राज्यपाल से घटना की मजिस्टेट से जांच कराने की मांग की। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने एनडीएमसी के मेयर आदेश गुप्ता के साथ अस्पताल जा कर घायलों का हाल चाल जाना। केन्द्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने भी घटनास्थल का दौरा किया। एक अधिकारी ने बताया कि सुबह नौ बजकर 25 मिनट पर फोन पर घटना की सूचना मिली जिसके बाद दमकल की छह गाड़ियां सावन पार्क के पास घटनास्थल पर भेजी गईं।