दिल्ली विधानसभा चुनाव: BJP ने 3 बार के विधायक कुलवंत राणा सहित 26 नेताओं के काटे टिकट

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली विधानसभा के 70 सीटों में से 57 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है। बता दें कि, दिल्ली में 8 फरवरी को मतदान होना है और 11 फरवरी को मतों की गिनती होगी। खास बात है कि भाजपा ने इस बार 26 नेताओं के टिकट काटे हैं। इस बार 26 नेताओं के टिकट काटे हैं, इसमें भाजपा दिल्ली के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और रिठाला सीट से तीन बार के विधायक रहे कुलवंत राणा का नाम प्रमुख तौर पर है।

कुलवंत राणा 2003 में दिल्ली से चुनाव जीतने वाले सबसे नौजवान उम्मीदवार रह चुके हैं। वह 2008 और 2013 में भी रिठाला से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। भाजपा ने अभी नई दिल्ली, महरौली, संगम विहार सहित 13 सीटों पर उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। भाजपा ने 2015 में चुनाव लड़कर हार जाने वाले कई नेताओं को इस बार टिकट नहीं दिया है। मिसाल के तौर पर रिठाला सीट से तीन बार के विधायक रहे कुलवंत राणा की जगह मनीष चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा गया है। पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि कुछ मामलों में घिरने के कारण भाजपा ने इस बार कुलवंत को मैदान में नहीं उतारा है।

इसी तरह तिमारपुर से प्रो. रजनी अब्बी की जगह सुरेंद्र सिंह बिट्टू को पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है। बादली से राजेश यादव, बवाना से गुगन सिंह रंगा, सुल्तानपुर माजरा से प्रभु दयाल का टिकट कट गया है। मंगोलपुरी (अनुसूचित जाति) सीट से सुरजीत, त्रिनगर से नंदकिशोर इस बार टिकट पाने में सफल नहीं हुए। वहीं, मॉडल टाउन से 2015 में चुनाव लड़कर हारने वाले विवेक गर्ग की जगह पार्टी ने केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे और आप के बागी कपिल मिश्रा को टिकट दिया है।

इसी तरह से सदर बाजार से प्रवीन जैन, बल्लीमरान से श्याम लाल, लक्ष्मीनगर से बी. बी. त्यागी, गांधी नगर से जितेंद्र चौधरी, सीलमपुर से संजय जैन, घोंडा से अजय महावत, पटेल नगर से कृष्ण तीरथ का टिकट कटा है। जनकपुरी, उत्तम नगर, पालम, जंगपुरा, मालवीय नगर, अंबेड़कर नगर, ग्रेटर कैलाश, कोंडली और पटपड़गंज विधानसभा सीटों पर भी पार्टी ने चेहरे बदल दिए हैं।

बता दें कि, दिल्ली में आठ फरवरी को मतदान होगा और परिणाम 11 फरवरी को घोषित होंगे। आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा के लिए सभी 70 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में 24 नए चेहरे शामिल हैं जबकि 15 मौजूदा विधायकों के नाम सूची में नहीं हैं। अभी कांग्रेस और भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की एक भी लिस्ट जारी नहीं की है।

दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप) और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है। हालांकि, कांग्रेस की स्थिति भी पिछले चुनाव के मुकाबले मज़बूत लग रही है। 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) को रिकॉर्ड जीत मिली थी, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 67 सीटों पर जीत प्राप्त की थी और 3 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई थी, कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।

हालांकि, 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत हुई थी और वोट प्रतिशत के लिहाज से कांग्रेस दूसरे नंबर पर पहुंच गई थी जबकि आम आदमी पार्टी (आप) तीसरे नंबर पर खिसक गई थी। (इंपुट: आईएएएनएस के साथ)

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