एक बार फिर दिल्ली की सड़कों पर उतरी ‘भीम आर्मी’, कांशीराम की बहन सहित हजारों युवाओं ने किया प्रदर्शन

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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में हुए जातीय हिंसा के बाद चर्चा में आए ‘भीम आर्मी’ के बैनर तले रविवार(18 जून) को दिल्ली की सड़कों पर बड़ी संख्या में युवक उतरे और राज्य में हुई जातीय हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए भीम आर्मी संस्थापक चन्द्रशेखर और संगठन के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को रिहा करने की मांग की।

फोटो: NBT

बता दें कि पिछले एक महीने से कम समय में दूसरी बार इस तरह का प्रदर्शन हुआ। करीब 2,500 लोगों की भीड़ के प्रदर्शन के दौरान चंद्रशेखर की मां कमलेश देवी, भाई भगत सिंह एवं कमल किशोर और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के संस्थापक कांशी राम की बहन स्वर्ण कौर सहित अन्य शामिल थे।

संसद मार्ग पुलिस स्टेशन और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद सम्मेलन केंद्र के बीच का रास्ता नीले रंग में रंग गया और ‘जय भीम ‘ के नारों से गूंज उठा। सुबह दस बजे से उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब से आए प्रदर्शनकारी जमा हो गए थे।

चंद्रशेखर की मां और अब भीम आर्मी की प्रमुख कमलेश देवी ने कहा कि मैं अपने बेटे को रिहा किए जाने तक प्रदर्शन करुंगी, धरने पर बैठूंगी और साथ ही अनिश्चितकालीन उपवास करुंगी। हम लड़ेंगे। मुझे नरेंद्र मोदी सरकार या उत्तर प्रदेश सरकार से कोई उम्मीद नहीं है, खासकर इसलिए क्योंकि योगी आदित्यनाथ के उदय के साथ ही हिंसा शुरु हुई।

21 मई के प्रदर्शन की ही तरह रविवार को भी एक के बाद एक वक्ताओं ने ‘सामाजिक आंदोलन’ को राजनीति से दूर रखने और बीएसपी जैसे राजनीतिक दलों के दलित मुद्दे का दोहन करने की बात पर जोर दिया। 21 मई के प्रदर्शन में इससे भी ज्यादा लोग जमा हुए थे।

हालांकि, प्रदर्शन के दौरान संगठन के सदस्यों में मतभेद दिखे जब आयोजकों ने एक सदस्य को मंच से हटाते हुए उसपर आंदोलन को ‘हाईजैक’ करने का आरोप लगाया। आयोजकों ने संघर्ष में मारे गए लोगों के लिए धनराशि भी जुटाई और लोगों को दान में दी गई उनकी राशि के हिसाब से बोलने के लिए समय दिया गया।

भीमराव अंबेडकर द्वारा 1926 में स्थापित की गई समता सैनिक दल के मुख्य संरक्षक उम्मेद सिंह गौतम ने कहा कि यह साफ है कि भीम आर्मी में अनुशासन की कमी है, लेकिन इसमें मुख्य रुप से युवा शामिल हैं और वे समय के साथ सीख जाएंगे। पेशे से वकील चंद्रशेखर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में ठाकुरों एवं दलितों के बीच हुए संघर्ष में उनकी कथित भूमिका के लिए हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में गत आठ जून को गिरफ्तार किया गया था।

 

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