लोकसभा चुनाव के चौथे चरण (29 अप्रैल) में महाराष्ट्र में हुए मतदान के दौरान वोटिंग नहीं करने के बाद नागरिकता को लेकर उठ रहे सवाल पर अभिनेता अक्षय कुमार ने चुप्पी तोड़ते हुए एक पोस्ट के जरिए आलोचकों को जवाब दिया है और साथ ही यह स्वीकार भी किया है कि उनके पास कनाडा का पासपोर्ट है। लेकिन उसके बाद भी कई लोग उन्हें बख्शने के मूड में नहीं है। ऐसे में अब बॉलिवुड सितारे अक्षय कुमार के पक्ष में उतरते नजर आ रहे हैं। हाल ही में अनुपम खेर ने भी ट्विटर के जरिए अक्षय का बचाव किया।
अनुपम खेर ने ट्विटर पर लिखा, “डियर अक्षय कुमार! मैंने पढ़ा कि कैसे आप कुछ लोगों के सामने देश के प्रति अपनी वफादारी को लेकर सफाई दे रहे हैं। ऐसा करना बंद करें। इन लोगों का असली काम ही है कि ये आप और मुझ जैसे लोगों को भारत के पक्ष में बोलने पर डिफेंसिव फील करवाएं। आप काम करके दिखाने वालों में से हैं। आपको किसी को भी कुछ भी समझाने की जरूरत नहीं है।”
बता दें कि, इससे पहले परेश रावल और अन्य सितारे भी अक्षय के पक्ष में सोशल मीडिया पर अपने विचार रखते हुए खिलाड़ी कुमार की आलोचना करने वालों को खरी खोटी सुना चुके हैं। हालांकि, अनुपम खेर अपने इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए और लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरु कर दिया।
वेद प्रकाश नाम के एक यूजर ने लिखा, “बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होय ? देशभक्ति का सर्टिफिकेट बाँटने वालों को अब स्वयँ सर्टिफिकेट दिखाने की ज़रूरत पड़ गयी! कर्मा! जैसी करनी वैसी भरनी! वैसे चाहे अनुपम ख़ेर हों या अक्षय कुमार, दोनों देश के दुश्मन ही हैं।”
इस टकले के मुताबिक कोई विदेशी मोदी भक्ति करे तो देशभक्त लेकिन देश का नागरिक मोदी और उसके नीतियों का विरोध करें तो देशद्रोही ?
अबे तुम देशभक्त हो या मोदी भक्त? https://t.co/uUOecLHwqk
— Ved Prakash | وید پرکاش (@AAPVed) May 5, 2019
वहीं, कुमार शाश्वत नाम के एक यूजर ने लिखा- “टकलू महाराज, आपके अनुसार कनाडा के नागरिक अक्षय कुमार को देश के प्रति अपनी देशभक्ति साबित करने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह मोदी का चाटुकार है। बल्कि देशभक्ति उन देशवासियों को साबित करने की जरूरत है जो मोदी का विरोध करते हैं। वाह रे तर्क।”
टकलू महाराज,
आपके अनुसार कनाडा के नागरिक @akshaykumar को देश के प्रति अपनी देशभक्ति साबित करने की जरूरत नहीं है क्योंकि वह मोदी का चाटुकार है। बल्कि देशभक्ति उन देशवासियों को साबित करने की जरूरत है जो मोदी का विरोध करते हैं। वाह रे तर्क।— Kumar Shashwat (@kumarshashwat97) May 5, 2019
वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा- “इस टकले के मुताबिक कोई विदेशी मोदी भक्ति करे तो देशभक्त लेकिन देश का नागरिक मोदी और उसके नीतियों का विरोध करें तो देशद्रोही। अबे तुम देशभक्त हो या मोदी भक्त?” बता दें कि, इसी तरह तमाम यूजर्स अनुपम के इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहें है।
बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होय ? देशभक्ति का सर्टिफिकेट बाँटने वालों को अब स्वयँ सर्टिफिकेट दिखाने की ज़रूरत पड़ गयी! कर्मा! जैसी करनी वैसी भरनी! वैसे चाहे अनुपम ख़ेर हों या अक्षय कुमार, दोनों देश के दुश्मन ही हैं।
— Maaz Sheikh (@TheMaazSheikh) May 5, 2019
सोशल मीडिया पर खुद को ट्रोल होते देख अनुपम खेर ने एक और ट्वीट किया और लिखा, “आजकल हमारे देश में दो क़िस्म के लोग है। 99.9% वो जो देश के हित में बात करते है। दूसरे .01% है। जो देश के हित में बात करने वालों की बुराइयां ढूंढते रहते है। इन लोगों की तरफ़ तवज्जो देना छोड़ देना चाहिए। क्योंकि जो लोग सोने का ढोंग कर रहें हों उनको जगाना बहुत मुश्किल है। है ना?:)”
हालांकि, वह अपने इस ट्वीट को लेकर भी सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए। एक यूजर ने लिखा, “अनुपम खेर जैसे लोग अगर ऐसी विचारधारा से प्रेरित होते है तो जरूर ये वो अंधभक्तों की गैंग में शामिल लोगों में से है जो जब भी मुह खोलेंगे, बेतुकी और चापलूसी भरी ही बाते करेंगे।”
कुमार शाश्वत नाम के यूजर ने लिखा, “आजकल देश में दो किस्म के लोग हैं,एक हैं देशभक्त और दूसरे हैं अंधभक्त। देशभक्त वह है जो किसी नेता या पार्टी विशेष से ऊपर हटकर देश के बारे में सोचता है, अंधभक्त वह हैं जो किसी खास नेता या पार्टी की चाटूकारिता करते हैं।”
आजकल देश में दो किस्म के लोग हैं,एक हैं देशभक्त और दूसरे हैं अंधभक्त। देशभक्त वह है जो किसी नेता या पार्टी विशेष से ऊपर हटकर देश के बारे में सोचता है, अंधभक्त वह हैं जो किसी खास नेता या पार्टी की चाटूकारिता करते हैं। https://t.co/wsqRee0dRB
— Kumar Shashwat (@kumarshashwat97) May 5, 2019
कुमार शाश्वत ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “भक्त भी दो प्रकार के होते हैं: एक भक्त जो भीड़ को देखते हुए अंधभक्ति में लग जाते हैं। एक भक्त जो अपनी पत्नी को सांसद का टिकट दिलवाने के लिए पार्टी व नेता की चाटुकारिता करते हैं और खुद भी पद्मश्री ले लेते हैं। है ना ??”
भक्त भी दो प्रकार के होते हैं:
?एक भक्त जो भीड़ को देखते हुए अंधभक्ति में लग जाते हैं
?एक भक्त जो अपनी पत्नी को सांसद का टिकट दिलवाने के लिए पार्टी व नेता की चाटुकारिता करते हैं और खुद भी पद्मश्री ले लेते हैं।है ना??
— Kumar Shashwat (@kumarshashwat97) May 5, 2019
एक अन्य यूजर ने लिखा, “99.9% में आपकी सांसद पत्नी भी आती अनुपम खेर जी, जब आप देशभक्त जी से आपकी देशभक्त पत्नी के पांच साल का हिसाब मांगा तो आपने अपनी देशभक्ति के कार्य गिनाये क्यों नही, भारत माता की जय बोल पतली गली क्यों हो लिए खेर साहिब।”
अनुपम खेर जैसे लोग अगर ऐसी विचारधारा से प्रेरित होते है तो जरूर ये वो अंधभक्तों की गैंग में शामिल लोगों में से है जो जब भी मुह खोलेंगे, बेतुकी और चापलूसी भरी ही बाते करेंगे।
— देशहित के लिए कांग्रेस ही जरूरी है (@samir17500) May 6, 2019
99.9% में आपकी सांसद पत्नी भी आती अनुपम खेर जी, जब आप देशभक्त जी से आपकी देशभक्त पत्नी के पांच साल का हिसाब मांगा तो आपने अपनी देशभक्ति के कार्य गिनाये क्यों नही, भारत माता की जय बोल पतली गली क्यों हो लिए खेर साहिब https://t.co/RXU99n5QzU
— मैं ही तो हिंदुस्तान हूँ (@gurdeepSbaaghi) May 6, 2019
गौरतलब है कि, मुंबई में 29 अप्रैल को वोट न डालने के बाद ट्रोल हुए अक्षय कुमार ने एक बयान में अपनी नागरिकता को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब दिया। इस संबंध में अक्षय ने ट्विटर पर एक स्टेटमेंट जारी किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘मुझे वाकई समझ नहीं आता कि मेरी नागरिकता में इतनी दिलचस्पी क्यों ली जा रही है और उसे लेकर इतनी नकारात्मकता क्यों फैलाई जा रही है? मैंने न तो कभी यह सच छिपाया और न ही इनकार किया कि मेरे पास कनाडा का पासपोर्ट है। हालांकि यह भी सच है कि बीते 7 सालों में मैं एक बार भी कनाडा नहीं गया हूं। मैं भारत में काम करता हूं और अपने सभी टैक्स यहीं भरता हूं।’
उन्होंने आगे कहा, इतने सालों में मुझे अपने देश भारत के लिए अपना प्रेम साबित करने की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन यह देखकर बेहद दुख होता है कि मेरी नागरिकता को फिजूल का मसला बनाया जा रहा है और जबरदस्ती विवादों में घसीटा जा रहा है। यह एक निजी, लीगल और गैर-राजनीतिक मुद्दा है। साथ ही अन्य लोगों के लिए भी यह फिजूल का मुद्दा है। आखिर में मैं यही कहना चाहूंगा कि अपने देश भारत को मजबूत बनाने के लिए मै अपना योगदान देता रहूंगा।’