महाराष्ट्र मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य से बड़ी खबर सामने आ रही है। दूरदर्शन न्यूज़ के मुताबिक, अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। कहा जा रहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अपना इस्तीफा सौंपा है। अजित पवार के इस्तीफे के बाद महाराष्ट्र की सियासत में एक और ट्विस्ट आ गया है।

इस बीच, दोपहर 3.30 बजे सीएम देवेंद्र फडणवीस मीडिया से बात करने वाले हैं। माना जा रहा है कि वह अपने इस्तीफे का भी एलान कर सकते हैं।
#MaharashtraPoliticalDrama: #AjitPawar resigns as deputy chief minister; CM Devendra Fadnavis to address media at 3.30 pm today pic.twitter.com/JNKe9Mte9f
— Doordarshan News (@DDNewsLive) November 26, 2019
अजित पवार के इस्तीफे के बाद शिवसेना नेता संजय राउत का भी बयान आया है। उन्होंने कहा कि, अजीत दादा ने इस्तीफा दे दिया है और वह हमारे साथ हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे 5 साल तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। उन्हें आज विधायक दल के नेता के रूप में चुन लिया जाएगा।
Sanjay Raut, Shiv Sena: Ajit dada has resigned and he is with us. Uddhav Thackeray will be the Chief Minister of #Maharashtra for 5 years. pic.twitter.com/7Qyz169Ivh
— ANI (@ANI) November 26, 2019
एनसीपी विधायक दल के नेता जयंत पाटील ने कहा, “अजीत पवार के इस्तीफे के बारे में हमें मीडिया से खबर मिली है। मैं इसके बारे में सब कुछ जानने के बाद ही इस पर कोई टिप्पणी करना चाहूंगा।”
Jayant Patil, NCP: It's you from whom I have come to know about the resignation of Ajit Pawar. I don't know about it, I would like to make a comment on it only after getting to know everything about it. #Maharashtra pic.twitter.com/RAWpT1raNS
— ANI (@ANI) November 26, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (26 नवंबर) को निर्देश दिया कि महाराष्ट्र विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए विश्वास मत बुधवार को कराया जाए। साथ ही अदालत ने राज्यपाल कोश्यारी को बुधवार को ही सभी निर्वाचित विधायकों को शपथ ग्रहण कराने का भी निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि संपूर्ण कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाएगा। साथ ही कहा कि विधानसभा में कोई गुप्त मतदान नहीं होगा।
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि विधायकों की खरीद फरोख्त से बचने के लिए यह जरूरी है।