आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह से जुट गए हैं। लेकिन इस चुनाव से पहले केजरीवाल को एक नई समस्या का सामना करना पड़ता सकता है।
दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्वाचन आयोग(ईसी) के एक फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी(आप) की याचिका पर गुरुवार(30 अगस्त) को आयोग से जवाब मांगा। पार्टी ने ‘आपकी अपनी पार्टी (पीपुल्स) के एक राजनीतिक पार्टी के तौर पर पंजीकरण के खिलाफ उसकी आपत्ति खारिज करने के आयोग के फैसले के खिलाफ यह याचिका दायर की है।
समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल ने आयोग को नोटिस जारी किया और नवगठित आपकी अपनी पार्टी (पीपुल्स) को फिर से पंजीकृत करने की ‘आप’ की मांग को लेकर उसकी याचिका पर आयोग का जवाब मांगा।
आम आदमी पार्टी इस आधार पर नवगठित पार्टी का पंजीकरण रद्द करवाना चाहती है क्योंकि दोनों पार्टियों का संक्षिप्त नाम ‘आप’ ही है और समान नाम होने से मतदाता दिग्भ्रमित हो सकते हैं। वकील अनुपमा श्रीवास्तव के जरिये दायर याचिका में दावा किया गया है कि नई पार्टी का नाम भी उसके नाम से मिलता-जुलता है और इससे मतदाता दिग्भ्रमित हो सकते हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) ने आयोग के 16 जुलाई के उस आदेश को निरस्त करने का अनुरोध किया है जिसमें उसने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत बतौर राजनीतिक पार्टी आपकी अपनी पार्टी (पीपुल्स) के पंजीकरण पर आप की आपत्ति खारिज कर दी थी।
बता दें कि फरवरी 2015 विधानसभा चुनाव में आप ने 70 सीटों में से 67 सीटें जीती थीं। तब से पार्टी ने पंजाब, गोवा और हाल ही में कर्नाटक में भी अपनी किस्मत अजमाने की कोशिश की लेकिन वह असफल रहा।