दिल्ली की एक मोहल्ला क्लीनिक में कथित रूप से गलत दवाई देने के चलते 3 बच्चों की मौत होने के बाद केजरीवाल सरकार ने सोमवार को मोहल्ला क्लीनिक के तीन डॉक्टरों की सेवाएं समाप्त कर दीं। सरकार ने मामले की जांच के आदेश भी दिए हैं। वहीं, इस मामले को लेकर कांग्रेस और भाजपा दिल्ली सरकार को घेरने में जुट गई हैं। दिल्ली कांग्रेस ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग रखी तो वहीं मृतक बच्चों व अस्पताल में भर्ती बच्चों को दिल्ली सरकार से मुआवजे देने की मांग की है।

दरअसल, स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (डीजीएचएस) ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि डेक्सट्रोमेथॉर्फन कफ सिरप का सेवन करने से तीन बच्चों की कथित तौर पर मौत हो गई। यह दवा राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एक मोहल्ला क्लीनिक में दी गई थी।
डीजीएचएस जांच रिपोर्ट में कहा गया है, कलावती सरन बच्चों के अस्पताल में डेक्सट्रोमेथॉर्फन विषाक्तता के सोलह मामले सामने आए, जिनमें से तीन बच्चों की मौत हो गई। इन बच्चों को दिल्ली के एक मोहल्ला क्लीनिक ने डेक्सट्रोमेथॉर्फन कफ सिरप दिया था। आमतौर पर इस दवा की सिफारिश बाल चिकित्सा उम्र के बच्चों के लिए नहीं की जाती है। डीजीएचएस ने अपनी रिपोर्ट में दिल्ली सरकार से सभी औषधालयों और मोहल्ला क्लीनिकों को नोटिस जारी कर चार साल से कम उम्र के बच्चों को यह दवा नहीं लिखने को कहा है और जनहित में इस दवा को वापस लेने को भी कहा है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि, यह घटना सामने आने के बाद तीन डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया है और मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मंत्री ने कहा कि इस मामले को दिल्ली मेडिकल काउंसिल के संज्ञान में लाया गया है, जो मामले की जांच करेगी। जैन ने कहा कि घटना की जांच भी शुरू कर दी गई है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
वहीं, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि, मोहल्ला क्लीनिकों की आड़ में झूठी वाहवाही लूटने वाले केजरीवाल जनता को क्लीनिकों में दवाई के नाम पर मौत परोस रहे है। क्योंकि डेक्सट्रोमैथार्फन नामक दवाई जो 4 साल से अधिक उम्र के बच्चों को दी जानी चाहिए थी, मौहल्ला क्लीनिक में नियुक्त डाक्टर ने 3 वर्ष के बच्चों को दी थी।
उन्होंने आगे कहा कि, मोहल्ला क्लीनिकों में गलत दवाई देने के कारण हुई 3 बच्चों की मौत के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल माफी मांगे और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री तुरंत इस्तीफा दें। साथ ही सरकार मृतक बच्चों के परिवार वालों को एक करोड़ व भर्ती बिमार बच्चों को 10 लाख रुपये का मुआवजा दे।
इसके अलावा दिल्ली कांग्रेस की ओर से उपराज्यपाल को इस संबध में उच्च अधिकारी द्वारा जांच कराने के लिए मांग की गई है। वहीं, उपराज्यपाल द्वारा यह भी जांच करने के लिए कहा है कि, मोहल्ला क्लीनिकों में कैसे घटिया दवाई दी जा रही है, इसका आडिट हो, अयोग्य डाक्टर, मेडिकल स्टाफ नियुक्ति की भी जांच हो। (इंपुट: IANS के साथ)
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