केंद्र सरकार ने 2000 रुपये के नोट को लेकर एक बड़ी जानकारी दी है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार (15 मार्च) को संसद में एक सवाल का जवाब में बताया कि, 2000 रुपये के नोट की पिछले दो साल में कोई छपाई नहीं हुई है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को संसद को एक लिखित जवाब में बताया कि 30 मार्च 2018 को 2000 रुपए के 336.2 करोड़ नोट सर्कुलेशन में थे, जबकि 26 फरवरी 2021 को इसकी संख्या घटकर 249.9 करोड़ रह गई।
उन्होंने कहा कि जनता की लेनदेन मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक मूल्य के नोटों की आपूर्ति बनाए रखने के लिए सरकार आरबीआई की सलाह पर किसी विशेष मूल्य के नोट की छपाई से संबंधित निर्णय लेती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 और 2020-21 के दौरान 2000 रुपये के बैंक नोट के लिए छपाई से संबंधित कोई आदेश सरकार की ओर से जारी नहीं किया गया।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2019 में कहा था कि वित्त वर्ष 2016-17 (अप्रैल 2016 से मार्च 2017) के दौरान 2000 रुपये के कुल 354.2991 करोड़ नोट छापे गए थे। हालांकि इसके बाद वित्त वर्ष 2017-18 में केवल 11.1507 करोड़ नोट छापे गए, जो बाद में वित्त वर्ष 2018-19 में घटकर 4.6690 करोड़ रह गए। अप्रैल 2019 के बाद से 2,000 रुपये के नए नोट नहीं छापे गए।
2000 रुपये के बैंक नोट की छपाई बंद करने का निर्णय इसकी जमाखोरी रोकने और ब्लैक मनी पर शिकंजा कसने के लिए लिया गया है। 2000 के नोट को नंवबर 2016 में लॉन्च किया गया था। सरकार ने कालेधन पर रोक लगाने और फर्जी नोटों को चलन से बाहर करने के लिए नवंबर में 1000 रुपये और 500 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
आरबीआई ने 1000 रुपये के बैंक नोट को बंद कर दिया और उसके स्थान पर 2000 रुपये का नया नोट जारी किया। इसके साथ आरबीआई ने 500 रुपये का नया नोट भी जारी किया। आरबीआई ने 10 रुपये, 20 रुपये, 50 रुपये, 100 रुपये और 200 रुपये के नए बैंक नोट भी जारी किए हैं। (इंपुट: पीटीआई के साथ)