प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता और ”अनाथ बच्चों की मां” के तौर पर पहचानी जाने वाली सिंधुताई सपकाल का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 75 साल की थी। सिंधुताई सपकाल को पिछले साल पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। अनाथों की सेवा करने वाली सामाजिक कार्यकर्ता के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी और राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेताओं ने दुख जताया और समाज के लिए किए गए उनके कार्यों को याद किया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने ट्वीट में लिखा, “डॉ सिंधुताई सपकाल का जीवन साहस, समर्पण और सेवा की प्रेरक गाथा था। वह अनाथों, आदिवासियों और हाशिए के लोगों से प्यार करती थी और उनकी सेवा करती थी। 2021 में पद्म श्री से सम्मानित, उन्होंने अविश्वसनीय धैर्य के साथ अपनी कहानी खुद लिखी। उनके परिवार और अनुयायियों के प्रति संवेदना।”
The life of Dr Sindhutai Sapkal was an inspiring saga of courage, dedication and service. She loved & served orphaned, tribals and marginalised people. Conferred with Padma Shri in 2021, she scripted her own story with incredible grit. Condolences to her family and followers. pic.twitter.com/vGgIHDl1Xe
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 4, 2022
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘डॉक्टर सिंधुताई सपकाल के निधन पर मैं दुख व्यक्त करता हूं। वह उन कई अनाथ लोगों के लिए ‘माई’ के तौर पर याद की जाएंगी जिनकी उन्होंने देखभाल की। आदिवासी समुदायों के अधिकारों और पुनर्वास के लिए किए उनके कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का काम करेंगे।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘सामाजिक कार्यकर्ता सिंधुताई सपकाल जी का जीवन सेवा की प्रेरणा के संदेश से भरा हुआ है। सदा प्रेम व अपनापन बरसाने वाली ताई तमाम अनाथ बच्चों का सहारा बनीं। उनके निधन से देश को एक अपूर्णीय क्षति हुई है। विनम्र श्रद्धांजलि।’’
पीएम मोदी ने भी सिंधुताई सपकाल के निधन पर शोक जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सिंधुताई के प्रयासों से कई बच्चे बेहतर जीवन जी सकते हैं। मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘डॉ. सिंधुताई सपकाल को समाज के लिए उनकी उत्कृष्ट सेवा के वास्ते सदैव याद किया जाएगा। उनके प्रयासों की वजह से कई बच्चे बेहतर जीवन जी सके हैं।’ उन्होंने ट्वीट कर कहा कि वह ‘उनके निधन से आहत’ हैं।
सिंधुताई सपकाल का जन्म 14 नवंबर 1948 को महाराष्ट्र के वरधा जिले में हुआ था। सिंधुताई को 2021 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, इसके अलावा उन्हें कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने 1500 से ज्यादा बच्चों को सहारा दिया।
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