बिहार सरकार के लाख कोशिशों के बाद भी राज्य में अवैध रूप से शराब की बिक्री जारी है, जिसका अंदाजा आप इसी ख़बर से लगा सकते है। शराबबंदी वाले राज्य बिहार में पंचायत चुनाव के नजदीक आने के बाद शराब की तस्करी के मामलों में भी वृद्धि देखी जा रही है। इस बीच, गया जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र में शराब की पार्टी करते हुए एक निवर्तमान मुखिया सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
फाइल फोटोसमाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, फतेहपुर के थाना प्रभारी मनोज राम ने सोमवार को बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी करियादपुर गांव में एक शराब की पार्टी चल रही है। पुलिस ने इसी सूचना के आधार पर रविवार को छापेमारी कर निवर्तमान मुखिया सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों की पहचान जगन्नाथपुर पंचायत के निर्वतमान मुखिया धर्मेंद्र कुमार, धर्मजीत कुमार सिंह, दिलीप सिंह, अरविंद सिंह और अमरीक सिंह के रूप में की गई है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार लोगों की ब्रेथ एनेलाइजर और मेडिकल जांच के बाद शराब पीने की पुष्टि भी हो गई है।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस मामले में फतेहपुर थाना कांड संख्या 316/2021 के तहत बिहार मद्य निषेध संशोधित अधिनियम 2018 के तहत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
उल्लेखनीय है कि, बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर पुलिस अलर्ट पर है। पंचायत चुनाव की तारीख करीब आने के साथ ही प्रत्याशियों की ओर से शराब और खाने-पीने की पार्टियों का दौर तेज होता जा रहा है। पुलिस भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज रही है। 11 चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव में पहले चरण के तहत 24 सितंबर को मत डाले जाएंगे।
बता दें कि, बिहार में शराबबंदी लागू हुए कई साल हो चुके हैं। सूबे में एक अप्रैल, 2016 को शराबबंदी के पहले चरण की शुरुआत हुई थी। इसके पांचवें दिन ही यानी 5 अप्रैल को अचानक सूबे में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा कर दी गई थी। शराबबंदी के सख्त कानून ने राज्य के दसियों हजार से ज्यादा लोगों को जेल में डाल रखा है।