सोशल मीडिया पर काफी आलोचनाओं के बाद आखिरकार माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने रविवार को इंडिया टीवी के संस्थापक और एंकर रजत शर्मा द्वारा पोस्ट किए गए उन दोनों ट्वीट को डिलीट कर दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि, बाब रामदेव की कोरोनिल को WHO से मंजूरी मिल गई हैं। सच्चाई यह थी कि डब्ल्यूएचओ ने ऐसे किसी दवा को मंजूरी नहीं दी थी।
गौरतलब है कि, बिना किसी सबूत के वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा के चौंकाने वाले दावों पर पत्रकारों समेत कई सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाया था। वहीं, कुछ लोगों ने तो इंडिया टीवी के संस्थापक के सोशल मीडिया अकाउंट को प्रतिबंधित करने के लिए भी ट्विटर से मांग की थी। शर्मा की आलोचना के चलते रविवार को पूरे दिन ट्विटर पर #रजत_शर्मा_कागज_दिखाओ भी ट्रेंड कर रहा था।
दरअसल, इंडिया टीवी के संस्थापक रजत शर्मा ने शनिवार को दो ट्वीट किए थे, जिसमें उन्होंने एक जैसा दावा किया था। एक ट्वीट उन्होंने हिंन्दी में किया था और दूसरा अंग्रेजी में किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था, “कोरोना की दूसरी लहर की आहट, रामदेव की कोरोनिल को मिली WHO की मान्य।”
उनके इन दोनों ट्वीट को अब ट्विटर ने डिलीट कर दिया हैं। उनके ट्वीट के स्थान पर अब लिखा हुआ आ रहा है, “यह ट्वीट अब उपलब्ध नहीं है।”
यह तब भी हुआ जब डब्ल्यूएचओ ने शुक्रवार को यह स्पष्ट रूप से स्पष्ट कर दिया था कि किसी भी पारंपरिक दवा को इलाज के लिए सर्टिफाइड नहीं किया गया है। WHO ने 19 फरवरी को ट्वीट कर कहा कि संगठन की तरफ से किसी भी पारंपरिक दवा को इलाज के लिए सर्टिफाइड नहीं किया गया है।
हालांकि, इस ट्वीट में पतंजलि की कोरोनिल से जुड़े दावों का कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन ये ट्वीट कोरोनिल को लेकर किए जा रहे दावों के बीच ही किया गया।
.@WHO has not reviewed or certified the effectiveness of any traditional medicine for the treatment #COVID19.
— WHO South-East Asia (@WHOSEARO) February 19, 2021
रजत शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में दावा करते हुए कहा था कि, “कोरोना की वैक्सीन तो बनी है लेकिन कोरोना की कोई दवा नहीं बनी। इस दिशा में स्वामी रामदेव ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कोरोना की आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल औपचारिक तौर पर लॉन्च कर दी। पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट की इस दवा को डब्ल्यूएचओ (WHO) के मानदंडों के अनुसार आयुष मंत्रालय से प्रमाण पत्र मिला है। इसे कोविड-19 संक्रमण के मामले में ‘एक सहायक दवा के रूप में’ और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इस दवा को पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट ने पिछले साल जून में लॉन्च किया था। पतंजलि के एक बयान में कहा गया है, ‘कोरोनिल को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के आयुष खंड से WHO की प्रमाणन योजना के तहत फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट (CoPP) का प्रमाण पत्र मिला है।’
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा, “CoPP सर्टिफिकेशन के तहत कोरोनिल को अब 158 देशों में निर्यात किया जा सकता है। WHO ‘उपयुक्त अंतराल पर’ दवा के निर्माण में लगी कंपनी की जांच कर सकता है।”