समाचार चैनल इंडिया टीवी के चेयरमैन व एडिटर इन चीफ रजत शर्मा अपने एक ट्वीट को लेकर एक बार फिर से सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं, लोग उन्हें ट्रोल करते हुए जमकर खरी-खोटी सुना रहे हैं। दरअसल, रजत शर्मा ने अपने एक ट्वीट में दावा कि रामदेव की कोरोनिल को WHO से मंजूरी मिल गई है। जिसके बाद शर्मी सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए। रजत शर्मा के ट्वीट कांग्रेस नेताओं समेत कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रियां दी हैं।

दरअसल, इंडिया टीवी के संस्थापक रजत शर्मा ने शनिवार को अपने ट्वीट में लिखा, “कोरोना की दूसरी लहर की आहट, रामदेव की कोरोनिल को मिली WHO की मान्य।” भले ही शर्मा ने अपने ट्वीट में दावा किया था कि डब्ल्यूएचओ ने रामदेव के कोरोनिल को मंजूरी दे दी थी, लेकिन उनकी रिपोर्ट ने उनके दावों को पुष्ट करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया।
रजत शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में कहा- “कोरोना की वैक्सीन तो बनी है लेकिन कोरोना की कोई दवा नहीं बनी। इस दिशा में स्वामी रामदेव ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कोरोना की आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल औपचारिक तौर पर लॉन्च कर दी। पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट की इस दवा को डब्ल्यूएचओ (WHO) के मानदंडों के अनुसार आयुष मंत्रालय से प्रमाण पत्र मिला है। इसे कोविड-19 संक्रमण के मामले में ‘एक सहायक दवा के रूप में’ और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इस दवा को पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट ने पिछले साल जून में लॉन्च किया था। पतंजलि के एक बयान में कहा गया है, ‘कोरोनिल को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के आयुष खंड से WHO की प्रमाणन योजना के तहत फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट (CoPP) का प्रमाण पत्र मिला है।’
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में आगे कहा, “CoPP सर्टिफिकेशन के तहत कोरोनिल को अब 158 देशों में निर्यात किया जा सकता है। WHO ‘उपयुक्त अंतराल पर’ दवा के निर्माण में लगी कंपनी की जांच कर सकता है।”
बिना किसी सबूत के शर्मा के चौंकाने वाले दावों पर पत्रकारों समेत कई सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाया। वहीं, कुछ लोगों ने तो इंडिया टीवी के संस्थापक के सोशल मीडिया अकाउंट को प्रतिबंधित करने के लिए ट्विटर से मांग की। शर्मा की आलोचना के चलते ट्विटर पर #रजत_शर्मा_कागज_दिखाओ ट्रेंड कर रहा हैं।
देखें कुछ ऐसे ही ट्वीट:
साहब के साथी साहब की तरह ही झूठे हैं। https://t.co/geouJ8WDON
— Sachin Sawant सचिन सावंत (@sachin_inc) February 21, 2021
Dear @TwitterSafety this is grossly #misleading promotion of a so called drug related to #COVIDー19 . @WHO never approves any medicine. This handle with 7.2 million followers is spreading fake news. #रजत_शर्मा_कागज_दिखाओ https://t.co/C9ibk4pPp3
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) February 20, 2021
Has WHO approved “Patanjali Coronil” as a medicine for Covid as claimed by Indian Media?@WHO or @MIB_India Please clarify before this report spreads, before our people starts believing & something tragic takes place. We doubt, they’ve Fooled Folks before. #रजत_शर्मा_कागज_दिखाओ pic.twitter.com/YQ2pWAOnay
— 𝐉𝐨𝐫𝐝𝐚𝐧 (@aka_dpu) February 20, 2021
Very shameful act by senior host
Sell out channel and team #रजत_शर्मा_कागज_दिखाओ pic.twitter.com/QrxTDAlx9e— Samir Khan (@samirkh75387729) February 20, 2021
Neither the Government of India nor @WHO has considered coronil as a drug of corona.Coronil is just an immunity booster, like Chwenprash. Brahmins have been shining their business with fake writings. @RajatSharmaLive #रजत_शर्मा_कागज_दिखाओ pic.twitter.com/7trwDFfYPg
— Snehashukla (@Snehash05620272) February 20, 2021
WHO didn't give approval Coronil vaccine. Fake news is spreading by Rajat Sharma.
It's a matter of lives…please take strict action against him.#रजत_शर्मा_कागज_दिखाओ pic.twitter.com/yOruhrPBN8
— Sony yumnamcha (@yumsonysingh) February 20, 2021
बता दें कि, योग गुरु बाबा रामदेव ने शुक्रवार (19 फरवरी) को कोरोना वायरस (कोविड-19) की आयुर्वेदिक दवा का ऐलान किया और दावा किया था कि पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट की यह दवा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से सर्टिफाइड है। दावा है कि WHO ने इसे GMP यानी ‘गुड मैनुफैक्चरिंग प्रैक्टिस’ का सर्टिफिकेट दिया है। उन्होंने यह दवा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन और नितिन गडकरी की मौजूदगी में लॉन्च की थी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस लाइव- Ceremony to Announce #Patanjalis_EvidenceBased_Medicine4Corona #PatanjaliCoronil @nitin_gadkari @drharshvardhan https://t.co/roI7O2dd4y
— स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) February 19, 2021