अखिलेश यादव कन्नौज से और मुलायम यहां से लडेंगे 2019 का लोकसभा चुनाव

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार(14 जून) को कहा कि वह 2019 का लोकसभा चुनाव कन्नौज से और उनके पिता मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से लड़ेंगे।

समाचार एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, उन्होंने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं की एक बैठक में कहा,‘मैं कन्नौज सीट से जबकि नेता जी (मुलायम) मैनपुरी से चुनाव लड़ेंगे।’ उन्होंने कहा कि विपक्षी दल आरोप लगाते है कि सपा परिवारवाद को बढ़ावा देती है इसलिये उनकी पत्नी डिंपल यादव (वर्तमान में कन्नौज की सांसद) इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगी। पार्टी कार्यकर्ताओं की इस बैठक में डिंपल यादव भी मौजूद थी।

जब उनसे गठबंधन और सीटों के बंटवारे के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘जिस पार्टी से भी गठबंधन होगा, हमारे पार्टी कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को हराने और हमारे प्रत्याशी को जिताने के लिये पूरी तरह से जिताने की कोशिश करेंगे। बीजेपी प्रत्याशियों को इस बार जनता का समर्थन नहीं मिलेगा क्योंकि उन्होंने केवल बातें की, वास्तविक धरातल पर कोई भी विकास कार्य नही किया है।’

अखिलेश ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस नए मुद्दे उछालने और मूल मुद्दों से भटकाने में माहिर हैं, वे कुछ भी फर्जी आरोप गढ़ सकते हैं। बीजेपी से नई तकनीक के दुरूपयोग का खतरा है। विशेष तौर पर संचार माध्यमों फेसबुक, व्हाटसऐप झूठ फैलाने में प्रयोग हो सकता है। डिजिटल इंडिया का इस्तेमाल विपक्षियों का चरित्र हनन करने तथा आपत्तिजनक अफवाहें फैलाने में किया जा सकता है। आरएसएस अपने संगठन के स्तर से गांवो तक अफवाहें फैलाने के अभियान की रणनीति पर काम कर रहा है। इनके मुकाबले के लिए अभी से कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर तक सपा के संगठन को मजबूत बनाना और अनुरूशासनबद्ध तरीके से चुनाव की तैयारियों में जुट जाना होगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी का एजेंडा झूठ और धोखा है। देश की राजनीति में बदलाव करने में सपा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। हमारा प्रयास होगा कि बीजेपी दोबारा सत्ता में न आने पाए। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि बीजेपी के षडयंत्र के विरूद्ध सच्चाई पर चर्चा करें। मतदाता जब सच्चाई जान लेगा तो वह समर्थन जरूर देगा।

अखिलेश ने दावा किया कि समाजवादी सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में विकास करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी गई थी। किसानों, गरीबों, नौजवानों, महिलाओं सहित समाज के सभी वर्गो के कल्याण की योजनाएं शुरू की गई थी। किसानों के लिए मंडियों को विकसित करने के साथ सड़कों के निर्माण पर जोर दिया गया। बिजली आपूर्ति में सुधार हुआ और नए मेडिकल कॉलेज खोले गये थे।

उन्होंने कहा कि बीजेपी गरीब और किसान को योग सिखाना चाहती है यह मुद्दों से भटकाना है। किसानों को कर्ज माफी में फर्जी चेक दिए गए जो बाउंस हो गए। भारत के अलावा किसी अन्य देश में किसान आत्महत्या नहीं कर रहे है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में सबसे ज्यादा बेकारी है, जीएसटी के बाद मंहगाई बढ़ी है। कंपनियों में छंटनी हो रही है। सरकारी विभागों में वेतन समय से नहीं बंट रहा है।

 

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