पिछले कुछ दिनों से विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया मीडिया की सुर्खियों में बने हुए है। इसी बीच ख़बर आ रहीं है कि, प्रवीण तोगड़िया के द्वारा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर लगाए गए आरोपों के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) VHP नेता प्रवीण तोगड़िया और भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के महासचिव बृजेश उपाध्याय सहित वीएचपी के इंटरनैशनल प्रेजिडेंट राघव रेड्डी को उनके पद से हटाने की तैयारी में जुटा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की ख़बर के मुताबिक, सूत्रों का कहना है कि इन तीनों नेताओं की कार्यप्रणाली से सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है और इस वजह से संघ का वरिष्ठ नेतृत्व इनसे नाराज चल रहा है। यह भी माना जा रहा है कि इन दो संगठनों के कार्यकर्ताओं के विशाल नेटवर्क का इस्तेमाल भी संघ की विचारधारा के प्रसार के लिए नहीं किया जा रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट मुताबिक, विश्व हिंदू परिषद की कार्यकारी बैठक फरवरी के अंत तक आयोजित की जाएगी, जहां पर आरएसएस परिषद के फिर से चुनाव करने को लेकर दवाब बनाएगा ताकि प्रवीण तोगड़िया सहित राघव रेड्डी और उनके समर्थकों की जगह किसी और को चुना जा सके। आरएसएस ने उन सभी लोगों को संघ से बाहर का रास्ता दिखाने का निर्णय लिया है, जो कि बीजेपी सरकार और पीएम मोदी के खिलाफ सामने आए हैं।
संघ चाहता है कि उनके संगठन सरकार के साथ टकराव करने से बचें और अगर कोई मतभेद हैं तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाए। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह 2019 के आम चुनाव हैं।
बता दें कि, मंगलवार (16 जनवरी) को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने प्रेस कॉन्फेंस कर कहा था कि मेरी आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है। तोगड़िया ने कहा कि मैं हिंदुओं के लिए काम करता रहा हूं। राम मंदिर, स्वास्थ्य, शिक्षा की आवाज मैं उठाता रहा हूं। जिस वजह से मेरी आवाज दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सनसनीखेज दावा करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे एनकाउंटर की साजिश हो रही है। उन्होंने कहा कि पुराने केस का हलावा देकर मुझे एंकाउंटर की धमकी दी जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि लेकिन मैं डरने वाला नहीं हूं।