मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर करने को लेकर शुक्रवार(4 जुलाई) को राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ये मुद्दा उठाया और सरकार पर जगहों की पहचान बदलने को लेकर विरोध किया।
फाइल फोटो- मुगलसरायख़बरों के मुताबिक, इस बीच सपा के कई सदस्य सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए आसन के समीप आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच ही सपा सदस्यों ने दावा किया कि देश में किसी रेलवे स्टेशन का नाम किसी व्यक्ति के नाम पर नहीं रखा गया है।
वहीं सरकार की ओर से संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने जवाब देते हुए कहा कि इसके पहले मुंबई विक्टोरिया टर्मिनस रेलवे स्टेशन का नाम छत्रपति शिवाजी के नाम पर रखा गया है। उन्होंने सपा सदस्यों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सोच गलत है। वे मुगलों के नाम पर स्टेशन का नाम चाहते हैं लेकिन एक विचारक का नाम उन्हें पसंद नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी सरकार ने इसी साल जून में स्टेशन का नाम बदलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी। जुलाई में गृह मंत्रालय को यूपी सरकार से एनओसी मिल गई थी। सरकारी नियमों के मुताबिक, किसी स्टेशन, गांव, शहर का नाम बदलने के लिए राज्य सरकार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनओसी लेने की जरुरत होती है।
बता दें कि, मुगलसराय जंक्शन भारत के सर्वाधिक व्यस्त रेलवे स्टेशनों में एक है, यह जंक्शन देश को पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत से जोड़ता है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर 1916 को मथुरा जिले के छोटे से गांव नगला चन्द्रभान में हुआ था, वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे है।