तेज बहादुर यादव का नाम तो आपको याद ही होगा, अगर नहीं तो हम याद दिला देते हैं। तेज बहादुर बीएसएफ का वह जवान है जो कुछ दिन पहले सुरक्षाबलों को मिलने वाले खाने की क्वालिटी पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसको लेकर देशभर में जमकर बवाल हुआ था।
लेकिन खराब खाने की शिकायत करने पर तेज बहादुर यादव को बीएसएफ ने बर्खास्त कर दिया था। लेकिन इस ख़बर को पढ़ने के बाद आपको लग सकता है कि, सेना के जवानों को परोसे जा रहे भोजन का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की एक अदालत ने सेना के एक जवान द्वारा एक याचिका पर 10 जुलाई को सुनवाई करने का निर्णय लिया। इस याचिका में जवान ने खराब गुणवत्ता का खाना देने का आरोप लगाया है।
ख़बरों के मुताबिक, इस मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की एक खंडपीठ ने की जिसे पहले न्यायमूर्ति विनोद गोयल ने सूचीबद्ध किया था। असम में तैनात जवान ने आरोप लगाया था कि खराब गुणवत्ता का खाना दिये जाने की शिकायत किये जाने के बाद जवानों ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि, इससे पहले इसी साल 9 जनवरी को बीएसएफ जवान तेज बहादुर ने भी सेना में खराब खाना मिलने की शिकायत की थी। तेज बहादुर यादव ने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें पानी जैसा दाल और जली रोटियां दिखाई गई थीं। तेज बहादुर का वीडियो वायरल होने के बाद एक इंक्वायरी बैठाई गयी थी।
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में हुई जांच में तेज बहादुर यादव को दोषी पाया गया, तेजबहादुर पर बीएसएफ की छवि खराब करने का आरोप है। जिसके बाद उसे बर्खास्त करने का फैसला लिया गया। जिसके बाद तेजबहादुर का पत्नी शर्मिला ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करके तेज बहादुर बर्खास्तगी को लेकर सिस्टम पर सवाल उठाए थे।