मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने लौटाया अपना पुरस्कार

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मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर भारतीय मुसलमान गुस्से में हैं। बता दें कि दिल्ली से मथुरा जा रही ईएमयू ट्रेन में मामूली विवाद के बाद गुरुवार(22 जून) को हरियाणा के बल्लभगढ़ निवासी मुसलमान युवक जुनैद खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इस हत्या का को लेकर हर कोई अपने-अपने तरीके से विरोध दर्ज करा रहा है।

फोटो साभार: फेसबुक

रोजेदार की हत्या से गुस्साए मुस्ल‍िम समुदाय के लोगों ने सोमवार(26 जून) को ईद के मौके पर काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी और अपना विरोध जताया। वहीं, प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने मंगलवार(27 जून) को मोदी सरकार का विरोध करते हुए नेशनल माइनॉरिटी राइट्स अवार्ड- 2008 (राष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार पुरस्कार- 2008) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को वापस कर दिया है।

बता दें कि शबनम हाशमी एनजीओ ‘अनहद’ की संस्थापक सदस्य हैं। हालांकि, उन्होंने इसी महीने संगठन की अगुवाई एक युवा टीम द्वारा करने के वास्ते मार्ग प्रशस्त करने के लिए इसके ट्रस्टी पद से हट गईं थी। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में गृह मंत्रालय ने लोकहित के खिलाफ अवांछनीय गतिविधियों का हवाला देते हुए 2002 में गुजरात दंगा के बाद गठित इस एनजीओ का विदेश से धन लेने का लाइसेंस रद्द कर दिया था।

हिंसक भीड़ को मोदी सरकार का समर्थन

‘जनता का रिपोर्टर’ से बातचीत करते हुए शबनम हाशमी ने कहा कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से देश में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर लगातार हो रहे हमले और हत्याओं के विरोध में उन्होंने अपना पुरस्कार वापस करने का फैसला लिया है।

शबनम का आरोप है कि इन घटनाओं पर नियंत्रण करने को लेकर मोदी सरकार की निष्क्रियता सीधे तौर पर हिंसक भीड़ को समर्थन कर रही है। उन्होंने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को सुरक्षा देने नाकाम साबित हुई है।

फोटो साभार: फेसबुक

उन्होंने कहा कि अगर सरकार मुसलमानों को सुरक्षा की गारंटी देती तो अखलाक और जुनैद जैसे मुसलमानों की इतनी निर्मत हत्या नहीं होती। शबनम ने कहा, मोदी सरकार के मंत्री आए दिन मुसलमानों के खिलाफ आग उगलते हैं, लेकिन पीएम मोदी एक बार भी ऐसे मंत्रियों पर कार्रवाई नहीं करते हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार मुसलमानों पर हो रहे ऐसे हमलों को लेकर हर समुदाय दुखी है। साथ ही शबनम ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग पर भी हमला बोलते हुए कहा कि सरकार की तरह अल्पसंख्यक आयोग भी मूकदर्शक बनकर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों को देख रही है।

 

 

 

 

 

 

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