प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले हिंदी समाचार चैनल जी न्यूज़ को एक इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने राजनीति, अर्थव्यवस्था, अंतराष्ट्रीय मसले, जीएसटी, नोटबंदी और रोजगार जैसे कई मुद्दों पर बात की। लेकिन इस इंटरव्यू में रोजगार के मुद्दे पर पीएम मोदी ने ऐसा उदाहरण दिया कि ट्विटर पर पीएम मोदी सहित कई बीजेपी नेताओं को आज भी ट्रोल किया जा रहा है।
जी न्यूज को दिए इस इंटरव्यू में जब एंकर सुधीर चौधरी ने सरकार द्वारा किए गए रोजगार के अवसर पैदा करने के वादे के मामले पर सवाल किया तब उन्होंने कहा था कि अगर जी टीवी के बाहर कोई व्यक्ति पकौड़ा बेच रहा है तो क्या वह रोजगार होगा या नहीं?
पीएम मोदी द्वारा पकौड़े की दुकान लगाने को रोजगार बताने के बाद से सोशल मीडिया पर पीएम मोदी सहित कई बीजेपी नेताओं का जमकर मजाक उडाया जा रहा है। इतना ही नहीं इसके अलावा विपक्षी पार्टियां भी उनके पकोड़े वाले बयान पर लगातार हमला बोल रहीं है। इस बीच, अब कांग्रेस नेता सलमान अनीस सोज ने ट्वीट कर वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा है।
सलमान सोज ने शनिवार(10 फरवरी) को लिखा कि, ‘और आपने अर्थव्यवस्था का पकोड़ा बना दिया।’ बता दें कि, अपने इस ट्वीट में उन्होंने इमोजी का भी इस्तेमाल किया है। सलमान सोज ने अपने इस ट्वीट के साथ एक अंग्रेजी न्यूज़ वेबसाइट की ख़बर को भी शेयर किया है, उनका यह ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हे।
And your able hands made a pakoda out of the Indian economy ? #Pakodanomics https://t.co/ix4F2418tz
— Salman Anees Soz (@SalmanSoz) February 10, 2018
बता दें कि, 4 फरवरी को जब कर्नाटक के बेंगलुरु में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी की परिवर्तन रैली के समापन पर पहुंचे थे तो पीएम मोदी के रैली स्थल से कुछ ही मीटर की दूरी पर कॉलेज के कुछ छात्रों के एक समूह ने पकौड़े बेचकर सरकार और पीएम मोदी के प्रति अपना विरोध जताया था।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने विरोध स्वरूप पकौड़े का अलग-अलग नाम भी रखा था। वे ‘मोदी पकौड़ा’, ‘अमित शाह पकौड़ा’ ‘अरुण जेटली पकौड़ा’, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम पर ‘योगी आदित्यनाथ पकौड़ा’ और कर्नाटक में बीजेपी के सीएम उम्मीदवार बीएस येदियुरप्पा के नाम पर ‘डॉक्टर येद्दि पकौड़ा’ बेच रहे थे।
बता दें कि, इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केरल की तिरुअनंतपुरम सीट से सांसद शशि थरूर ने ट्वीट कर लिखा था कि, ‘जिसने कहा कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा, वह आज पकौड़े की बात करने लगे हैं। वह नहीं समझते कि लोग चाय और पकैड़े इसलिए बेच रहे हैं क्योंकि रोजगार नहीं है।’
बता दें कि, इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी 28 जनवरी को सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि पकौड़ा बेचना भी नौकरी है तो फिर भीख मांगने को भी रोजगार के एक विकल्प के तौर पर देखना चाहिए।
उन्होंने 28 जनवरी को ट्वीट कर लिखा था कि, ‘अगर पकौड़े बेचना भी नौकरी है तो प्रधानमंत्री के इस तर्क के मुताबिक भीख मांगना भी जॉब है। अब उन गरीब और अक्षम लोगों को भी रोजगार पाने वाले लोगों की संख्या में गिन लेना चाहिए, जिन्हें मजबूरी में भीख मांगकर गुजारा करना पड़ रहा है।’
एक बाद एक किए गए कई ट्वीट्स में चिदंबरम ने कहा कि सरकार नौकरियों के अवसर पैदा करने मामले में पूरी तरह से फेल है और उसे कुछ सूझ नहीं रहा है।