‘जनता का रिपोर्टर’ द्वारा राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे को लेकर किए गए खुलासे के बाद राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल डील पर सरकार को बख्शने के मूड में नहीं हैं। सरकार और विपक्ष के बीच राफेल विमान सौदे को लेकर घमासान जारी है। एक ओर जहां केंद्र सरकार इस सौदे को गोपनीयता का हवाला देकर सार्वजनिक करने से बच रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इसमें घोटाले का आरोप लगा रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार(9 फरवरी) को राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर मोदी सरकार पर एक और हमला किया। इस बार राहुल गांधी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के उस दावे का जवाब दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि यूपीए के दौरान भी राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए डिफेंस डील की जानकारी साझा नहीं की जाती थी।
राहुल गांधी ने 3 अलग-अलग समय पर यूपीए कार्यकाल के दौरान सांसदों द्वारा डिफेंस डील को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब ट्वीट किए हैं। राहुल गांधी ने जेटली से कहा है कि अब रक्षा मंत्री से कहें कि वह देश को बताएं कि एक राफेल फाइटर प्लेन कितने में खरीदा जा रहा है।
बता दें कि, राहुल गांधी ने अपने इस ट्वीट में वित्त मंत्री की टाइटल को जेटली (Jaitley) के उनके नाम की स्पेलिंग बदलते हुए उसे Jaitlie (जेटलाइ) यानी ‘जेट झूठ’ लिखा है। बता दें कि, राहुल गांधी ने अपने ट्वीट के आखिरी में #DealMeinKuchKalaHai (हैशटैग) का भी उपयोग किया है।
राहुल गांधी ने जो ट्वीट किया है उसमें मनीष तिवारी द्वारा एयरक्राफ्ट कैरियर ऐडमिरल गोर्शकोव डील, ओवैसी द्वारा सुखोई-30 विमान की डील और कलिकेश नारायण सिंह देव सवालों पर दिए गए जवाब हैं। ये सवाल यूपीए शासनकाल में डिफेंस डील पर पूछे गए थे और राहुल ने उनके जवाब भी इसके साथ जोड़े हैं।
Dear Mr Jaitlie,
You said the UPA never released prices of Defence purchases?
To nail your lie, here are 3 Parliamentary replies by the UPA with full transparency on pricing.
Now do ask our Raksha Mantri to tell India how much each RAFALE jet cost.#DealMeinKuchKalaHai pic.twitter.com/txb2Cc1BHh
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 9, 2018
गौरतलब है कि, संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि राहुल ऐसे आरोप लगाकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता कर रहे हैं। जेटली ने राहुल को पूर्व रक्षा मंत्री प्रणव मुखर्जी से सीखने की नसीहत भी दी। जेटली ने कहा था कि जब प्रणव मुखर्जी रक्षा मंत्री थे, तब उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर अमेरिका से हथियार खरीद की जानकारी सार्वजनिक नहीं की थी।
जेटली ने कहा कि ए.के. एंटनी ने भी इजरायल से हथियार खरीद की जानकारी नहीं दी थी। बता दें कि, वित्त मंत्री अरुण जेटली के इसी दावे का जवाब देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछली सरकार में दिए गए जवाबों को सोशल मीडिया पर पेश करते हुए नई चुनौती दे दी है।
बता दें कि, इससे पहले राहुल ने गुरुवार (8 फरवरी) को भी राफेल विमान को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला था और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं, क्योंकि कुछ न कुछ गड़बड़ी तो हुई है। संसद में प्रधानमंत्री के भाषणों का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि यह बात साफ हो गई है कि प्रधानमंत्री बुनियादी सवालों का जवाब देने के इच्छुक नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी जी जवाब नहीं दे रहे हैं, दाल में कुछ तो काला है। राहुल ने कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले घोषणा की थी कि वह राफेल विमान की खरीद का दाम राष्ट्र को बताएंगी किन्तु वह अब यह कह रही हैं कि वह ऐसा नहीं करेंगी क्योंकि यह सरकारी गोपनीयता है। राहुल ने सवाल किया, ‘इनमें से कौन से दोनों बयान सही हैं।’
पत्रकारों से बातचीत के अलावा राहुल गांधी ने ट्विटर पर भी मोदी सरकार और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर हमला बोला है। राहुल ने ट्विटर पर सवाल-जवाब के अंदाज में लिखा है, “राफेल लड़ाकू विमान खरीद पर नवंबर 2017 में रक्षा मंत्री ने कहा था सारी सच्चाई बताएगे, लेकिन फरवरी 2018 में उसे गोपनीय बता रही हैं। रक्षा मंत्री ने अपना बयान क्यों बदला है? A. करप्शन B. मोदी जी को बचाने के लिए C. मोदी जी के दोस्त को बचाने के लिए D. उपरोक्त सभी।”
Q. Why did the Raksha Mantri change her stance from :
I will reveal the price of the RAFALE planes in Nov 2017 to the price is a state secret in Feb 2018A. Corruption
B. To protect Modiji
C. To protect Modiji's friend
D. All of above #TheGreatRafaleMystery— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 8, 2018
राहुल के वार पर अरुण जेटली का पलटवार
बता दें कि इससे पहले रक्षा मंत्री सीतारमण ने कहा था कि राफेल सौदे को लेकर जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और गोपनीयता से जुड़ा मामला है। रक्षा मंत्रालय की ओर से बयान जारी किए जाने के बाद गुरुवार को संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया और कहा कि इस तरह के आरोप लगाकर वह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता कर रहे हैं।
जेटली ने राहुल को पूर्व रक्षा मंत्री प्रणव मुखर्जी से सीखने की नसीहत भी दी। जेटली ने कहा कि, ‘मेरा आरोप है कि राहुल गांधी भारत की सुरक्षा से गंभीर समझौता कर रहे हैं।’ बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप रहे हैं, ऐसे में अब वह एनडीए सरकार में भ्रष्टाचार तलाशने का प्रयास कर रही है। उन्हें कुछ नहीं मिला तो राफेल का मुद्दा उठा रहे हैं।
बता दें कि, ‘जनता का रिपोर्टर’ ने राफेल विमान सौदे को लेकर दो भागों (पढ़िए पार्टी 1 और पार्टी 2 में क्या हुआ था खुलासा) में बड़ा खुलासा किया था। जिसके बाद राहुल गांधी और पार्टी के सदस्य राफेल सौदे का मुद्दा उठा रहे हैं और इसको लेकर वर्तमान सरकार पर सबसे बड़े घोटाले का अरोप लगा रहे हैं।