#JKRImpact: राफेल डील को लेकर फिर बोले राहुल गांधी- दाल में कुछ तो काला है, कांग्रेस अध्यक्ष के आरोपों को जेटली ने बताया राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता

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‘जनता का रिपोर्टर’ द्वारा राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे को लेकर किए गए खुलासे के बाद राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल डील पर सरकार को बख्शने के मूड में नहीं हैं। सरकार और विपक्ष के बीच राफेल विमान सौदे को लेकर घमासान जारी है। एक ओर जहां केंद्र सरकार इस सौदे को गोपनीयता का हवाला देकर सार्वजनिक करने से बच रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इसमें घोटाले का आरोप लगा रही है।कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार (8 फरवरी) को राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर सरकार पर हमला जारी रखा और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं, क्योंकि कुछ न कुछ गड़बड़ी तो हुई है।संसद में प्रधानमंत्री के भाषणों का उल्लेख करते हुए राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि यह बात साफ हो गई है कि प्रधानमंत्री बुनियादी सवालों का जवाब देने के इच्छुक नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी जी जवाब नहीं दे रहे हैं, दाल में कुछ तो काला है। राहुल ने कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले घोषणा की थी कि वह राफेल विमान की खरीद का दाम राष्ट्र को बतायेंगी किन्तु वह अब यह कह रही हैं कि वह ऐसा नहीं करेंगी क्योंकि यह सरकारी गोपनीयता है। राहुल ने सवाल किया, ‘इनमें से कौन से दोनों बयान सही हैं।’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने मोदी से तीन सवाल पूछे थे। इनमें विमान का दाम तथा एक सरकारी कंपनी से छीनकर एक व्यवसायी को यह करार देना शामिल है। राहुल ने कहा कि मगर अभी तक कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा कि, ‘इसका केवल एक जवाब हो सकता है और वह है कि दाल में काला है।’

ट्वीट कर भी बोला हमला

पत्रकारों से बातचीत के अलावा राहुल गांधी ने ट्विटर पर भी मोदी सरकार और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर हमला बोला है। राहुल ने ट्विटर पर सवाल-जवाब के अंदाज में लिखा है, “राफेल लड़ाकू विमान खरीद पर नवंबर 2017 में रक्षा मंत्री ने कहा था सारी सच्चाई बताएगे, लेकिन फरवरी 2018 में उसे गोपनीय बता रही हैं। रक्षा मंत्री ने अपना बयान क्यों बदला है? A. करप्शन B. मोदी जी को बचाने के लिए C. मोदी जी के दोस्त को बचाने के लिए D. उपरोक्त सभी।”

राहुल के वार पर अरुण जेटली का पलटवार

बता दें कि इससे पहले रक्षा मंत्री सीतारमण ने कहा था कि राफेल सौदे को लेकर जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और गोपनीयता से जुड़ा मामला है। क्षा मंत्रालय की ओर से बयान जारी किए जाने के बाद गुरुवार को संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राहुल गांधी को आड़े हाथों लिया और कहा कि इस तरह के आरोप लगाकर वह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता कर रहे हैं।

जेटली ने राहुल को पूर्व रक्षा मंत्री प्रणव मुखर्जी से सीखने की नसीहत भी दी। जेटली ने कहा कि, ‘मेरा आरोप है कि राहुल गांधी भारत की सुरक्षा से गंभीर समझौता कर रहे हैं।’ बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप रहे हैं, ऐसे में अब वह एनडीए सरकार में भ्रष्टाचार तलाशने का प्रयास कर रही है। उन्हें कुछ नहीं मिला तो राफेल का मुद्दा उठा रहे हैं।

इस बारे में कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा सवाल उठाने पर जेटली ने कहा कि, ‘आपकी पार्टी के अध्यक्ष ने ऐसे आरोप राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर गढ़े हैं।’ जेटली ने कहा कि राफेल डील की जानकारी राष्ट्रहित में जगजाहिर नहीं की जा सकती है, क्योंकि ऐसा करने से दुश्मन को उस हथियार का ब्योरा मिल जाएगा। किसी भी देश से जब ऐसा सौदा होता है, सुरक्षा समझौता में यह निहित होता है और अगर इसका ब्योरा देंगे तो हथियार प्रणाली की क्षमता जाहिर हो जाएगी।

जेटली ने इस संदर्भ में कांग्रेस के जमाने में उनके मंत्रियों के दिए जवाबों का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जब प्रणब मुखर्जी रक्षा मंत्री थे, तब उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर अमेरिका से हथियार खरीद की जानकारी सार्वजनिक नहीं की थी। जेटली ने कहा कि ए.के. एंटनी ने भी इजरायल से हथियार खरीद की जानकारी नहीं दी थी। जेटली के जवाब के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सदन में आए और वह कुछ कहना चाह रहे थे, लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें अनुमति नहीं दी।

इस पर कांग्रेस सांसद अध्यक्ष के आसन के पास आकर नारेबाजी करने लगे। बता दें जनता का रिपोर्टर ने राफेल विमान सौदे को लेकर दो भागों (पढ़िए पार्टी 1 और पार्टी 2 में क्या हुआ था खुलासा) में बड़ा खुलासा किया था। जिसके बाद राहुल गांधी और पार्टी के सदस्य राफेल सौदे का मुद्दा उठा रहे हैं और इसको लेकर वर्तमान सरकार पर सबसे बड़े घोटाले का अरोप लगा रहे हैं।

 

 

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