उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में वक्फ व हज मामलों के राज्यमंत्री मोहसिन रजा अपने दो महीने के कार्यकाल को लेकर चर्चा में वहीं दूसरी और अब मोहसिन रजा पर कब्रिस्तान बेचने का आरोप लगा है। इस मामले में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने का निर्णय लिया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बोर्ड ने रजा और उनके भाइयों पर आरोप लगाया है कि उन लोगों ने मिलकर सफीपुर उन्नाव की वक्फ संपत्ति जिसमें कब्रिस्तान भी शामिल है, जिनकी कीमत करोड़ों में है। इसकी जानकारी देते हुए लखनऊ में बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने दी, उन्होंने बताया कि मसरूर हुसैन नकवी ने इस मामले में शिकायत की थी।
बोर्ड द्वारा जांच करवाई गई, जांच में शिकायत सही मिली। जो तथ्य सामने आए उनके मुताबिक वक्फ आलिया बेगम सफीपुर उन्नाव को मुतवल्ली मोहसिन रजा और उनके भाइयों ने अपनी माता को पावर आफ एटार्नी देकर तीन हिस्सों में बेच डाला गया।
बेची गयी संपत्ति की रजिस्ट्री तीन हिस्सों में हुई। पहली रजिस्ट्री वर्ष 2005 में, दूसरी 2006 और तीसरी 2011 में कराई गई। वसीम रिजवी के अनुसार बेची गयी वक्फ सम्पत्ति के एक खसरे में मोहसिन रजा के नाना-नानी और उनके माता-पिता की चार कब्रें हैं। कानून के अनुसार अगर किसी खसरे पर तीन से ज्यादा कब्रें हैं तो उसे कब्रिस्तान माना जाएगा इसलिए यह कब्रिस्तान को बेचे जाने का भी मामला है।
उन्होंने बताया कि शिया वक्फ बोर्ड उन्नाव के जिलाधिकारी से बेची गई वक्फ सम्पत्ति पर कब्जा वापस लेगा। वहीं दूसरी और इस पूरे मामले में राज्यमंत्री मोहसिन रजा का कहना है कि शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा लगाए गए आरोप झूठे और आधारहीन हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि, बोर्ड के चेयमैन परेशान ना हों सारा सच सीबीआई जांच में सामने आ जाएगा।