राष्ट्रपति चुनाव: रामनाथ कोविंद के जवाब में विपक्ष ने मीरा कुमार को बनाया उम्मीदवार

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राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(NDA) की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद के मुकाबले विपक्ष ने भी गुरुवार(22 जून) को अपने उम्मीदवार ने नाम का एलान कर दिया। विपक्ष की ओर से पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार साझा उम्मीदवार होंगी। मीरा कुमार को विपक्ष ने एनडीए के उम्‍मीदवार रामनाथ कोविंद के सामने महिला एवं दलित उम्‍मीदवार को खड़ा कर अपनी चुनौती पेश की है।बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की आज(22 जून) अहम बैठक हुई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 17 विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ दिल्ली में यह बैठक की। बैठक में संयुक्त रूप से फैसला किया गया कि मीरा कुमार राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की साझा उम्मीदवार होंगी।

गौरतलब है कि NDA की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का सोमवार (19 जून) को एलान कर दिया गया। राष्ट्रपति चुनाव से पहले सोमवार को भारतीय जनता पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) ने सबको चौंकाते हुए बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए राजग का उम्मीदवार बनाने का एलान किया गया।

दरअसल, दलित-शोषित समाज की आवाज बुलंद करके बीजेपी में ऊंचा मुकाम हासिल करने वाले रामनाथ कोविंद को बीजेपी-नीत एनडीए ने राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर एक ‘मास्टर स्ट्रोक’ खेला है। ऐसा इसलिए, क्योंकि ज्यादातर विपक्षी दल देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर किसी दलित को बैठाने का विरोध नहीं करना चाहेंगे, लेकिन विपक्ष ने भी एक दलित चेहरा उतार कोविंद का काट निकालने की कोशिश की है।

अपने लंबे राजनीतिक जीवन में शुरू से ही अनुसूचित जातियों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों तथा महिलाओं की लड़ाई लड़ने वाले कोविंद इस समय बिहार के राज्यपाल हैं। वहीं, मीरा कुमार कांग्रेस की वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी का बड़ा दलित चेहरा हैं। पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार पिछली लोकसभा की अध्यक्ष रह चुकी हैं।

बता दें कि, NDA की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और शिवसेना ने समर्थन देने का एलान कर दिया है। बुधवार(21 जून) को विपक्ष को झटका देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रामनाथ कोविंद के समर्थन का एलान कर दिया है।

हालांकि, इससे पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश कुमार विपक्ष के फैसले के साथ जा सकते है, लेकिन ये अनुमान पूरी तरह अफवाह साबित हो गया है। साथ ही शिवसेना ने भी मंगलवार(20 जून) को एलान किया कि उनकी पार्टी रामनाथ कोविंद का समर्थन करेगी।

 

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