संजय निरुपम के बगावती तेवर पर कांग्रेस का पलटवार, मनीष तिवारी बोले- संयम बरतें, खयाली पुलाव न पकाएं

0

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस में दरार बढ़ती नजर आ रही है। कांग्रेस ने टिकट वितरण से नाराज संजय निरुपम को शुक्रवार को नसीहत दी कि उन्हें संयम बरतना चाहिए और षड्यंत्र की कहानी गढने और खयाली पुलाव पकाने से बचना चाहिए।

पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यह सवाल भी किया कि मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष निरुपम उस वक्त सवाल क्यों उठा रहे हैं जब एक सीट पर उनकी पसंद के मुताबिक टिकट नहीं दिया गया? उन्होंने हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर के बारे में भी यही कहा कि उन्हें भी संयम बरतना चाहिए।

समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, निरुपम के बयान के बारे में पूछे जाने पर मनीष तिवारी ने कहा, ‘‘मैंने संजय निरुपम का ट्वीट देखा। ऐसा लगता कि वह अपनी सिफारिश के मुताबिक एक टिकट नहीं मिलने से नाराज थे। संजय निरुपम वरिष्ठ नेता हैं और उनको संयम से काम लेने की जरूरत है। षड्यंत्र वाली कहानी बताने से कुछ फायदा नहीं होने वाला है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब टिकट का वितरण होता है तो कई बार ऐसा होता है कि हम जिसका नाम सुझाते हैं तो उसे टिकट नहीं मिलता।’’

तिवारी ने कहा, ‘‘संजय निरुपम जी से पूछना चाहिए कि वह उस समय सवाल क्यों कर रहे हैं जब उनको उनके मुताबिक एक टिकट नहीं मिला? ऐसा लगता है कि निरुपम का मन विचलित है। मेरी राय है कि उन्हें अपनी कल्पनाओं पर लगाम लगाने की जरूरत है। वह खयाली पुलाव नहीं पकाएं।’’ अशोक तंवर की नाराजगी और बयानों के बारे में पूछे जाने पर भी तिवारी ने कहा कि तंवर को भी संयम बरतना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे लोगों को गहराई से सोचना चाहिए कि उनके कदम से पार्टी कमजोर तो नहीं होती है? दोनों नेताओं (तंवर और निरूपम) को आत्मचिंतन की जरूरत है कि क्या उनकी बातों से उन ताकतों को मदद नहीं मिल रही है जिन्होंने इस देश का भट्टा बैठा दिया।’’

संजय निरुपम ने गुरुवार (3 अक्टूबर) को पार्टी के किसी नेता का नाम लिए बिना टि्वटर पर कहा था, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है पार्टी मेरी सेवाएं अब और नहीं चाहती। मैंने विधानसभा चुनाव के लिए मुंबई में सिर्फ एक नाम सुझाया था। सुना है कि इसे भी खारिज कर दिया गया है। जैसा कि मैं पार्टी नेतृत्व को पूर्व में बता चुका था, ऐसी स्थिति में मैं चुनाव प्रचार में भाग नहीं लूंगा। यह मेरा अंतिम फैसला है।’’

उसके बाद एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “उम्मीद है कि पार्टी को छोड़ने का दिन अभी नहीं आया है। मगर नेतृत्व ने जिस ढंग से मेरे साथ व्यवहार किया है, वह दिन बहुत दूर नजर नहीं आता।”

गौरतलब है कि, पार्टी नेताओं के एक तबके की शिकायत के बाद निरुपम को इस साल लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में मुंबई कांग्रेस प्रमुख के पद से हटा दिया गया था। उनके खिलाफ शिकायत की गई थी कि वह ‘‘एकतरफा ढंग’’ से काम करते हैं। निरुपम की जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिन्द देवड़ा को मुंबई कांग्रेस का प्रमुख बनाया गया था।

हालांकि, देवड़ा ने आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद पिछले महीने पद से इस्तीफा दे दिया था। पार्टी लोकसभा चुनाव में मुंबई की छह सीटों में से एक पर भी चुनाव नहीं जीत पाई थी। वर्तमान में मुंबई कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड़ हैं।

Previous articleVIDEO: भारत दौरे पर आईं बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना बोलीं- निर्यात पर रोक के बाद अपने रसोइये से प्याज का उपयोग न करने को कहा
Next articleI have two kids, who don’t sleep well at night: Ravichandran Ashwin tells reporter after claiming his 27th Test fifer against South Africa