ऐसा लगता है कि भारत में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध का असर पड़ोसी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के रसोई घर पर भी पड़ा है क्योंकि उन्होंने हल्के अंदाज में कहा है कि ऐसे निर्णय करने से पहले इसकी जानकारी देना चाहिए। भारत से प्याज का निर्यात प्रतिबंधित होने पर बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शुक्रवार को अपना दर्द जताया और कहा कि उन्होंने अपने रसोईये को प्याज का इस्तेमाल बंद करने को कह दिया है।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि प्याज निर्यात पर भारत की ओर से अचानक प्रतिबंध लगा दिये जाने से उनके देश वासियों को थोड़ी दिक्कत हुई है। उन्होंने हलके अंदाज में कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि आपने प्याज (निर्यात) को क्यों रोक दिया है। तो क्या हुआ, मैने ऐसा किया कि… मैने अपने रसोईये को कहा है कि खाने में प्याज का इस्तेमाल मत करो… ऐसे फैसलों के बारे में पूर्व सूचना से मदद मिलेगी। अचानक आपने इसे रोक दिया और इससे हमारे लिए कठिनाई पैदा हो गयी है। भविष्य में, अगर आप ऐसा निर्णय कर रहे हैं तो पूर्व सूचना मदद करेगी।’’
हसीना भारत बांग्लादेश बिजनेस फोरम को यहां संबोधित कर रही थीं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री यहां पीयूष गोयल भी इस समारोह में मौजूद थे। इसका आयोजन सीआईआई और एसोचैम ने किया था। पिछले रविवार को भारत ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था ताकि घरेलू बाजार में उसकी उपलब्धता बनी रहे और बढ़ती कीमतों को रोका जा सके। केंद्र ने खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए भी प्याज के स्टाक को सीमित कर दिया है।
#WATCH Bangladesh Prime Minister Sheikh Hasina in Delhi: Pyaaz mein thoda dikkat ho gya hamare liye. Mujhe maloom nahi kyun aapne pyaaz bandh kar diya? Maine cook ko bol diya ab se khana mein pyaaz bandh kardo. (Indian Govt had banned export of Onions on September 29) pic.twitter.com/NYt4ds9Jt2
— ANI (@ANI) October 4, 2019
दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के बारे में बातचीत करते हुए हसीना ने कहा कि बांग्लादेश के विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय व्यापारियों के लिए अपार संभावनायें हैं। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षिण एशिया में उनके देश की सबसे उदार निवेश नीति है और इसमें कानून के द्वारा विदेशी निवेश की सुरक्षा, कर छूट, आयातित मशीनों पर ड्यूटी में रियायत, अप्रतिबंधित निकास नीति तथा बाहर निकलने पर लाभांश और पूंजी का पूर्ण प्रत्यावर्तन जैसी तमाम सुविधायें शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम 100 विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) को स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं। उनमें से एक दर्जन के लगभग तैयार हैं।’’ (इंपुट: भाषा के साथ)