BJP शासित राज्य का सुशासन, प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को डॉक्टरों ने नहीं किया एडमिट, सड़क पर ही दिया बच्चे को जन्म

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भारत भले ही हेल्थ टूरिज्म का सेंटर बनता जा रहा हो और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही हो। लेकिन सच यही है कि हमारे यहां स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमीं है। भारत के अलग-अगल राज्यों से हर रोज कोई न कोई ऐसी तस्वीर सामने आ ही जाती है, जिसे देखकर हमें शर्मसार होना पड़ता है। जिसका ताजा मामला बीजेपी शासित राज्य राजस्थान के जयपुर से सामने आया है, जो मानवता को शर्मसार कर देने वाली है।

फोटो- eenaduindia

देश के किसी राज्य में जब कोई गरीब व्यक्ति बीमार होता है तो वो सरकारी अस्पतालों का सहारा लेता है, लेकिन जब सरकारी अस्पतालों से भी गरीबों को दुत्कार दिया जाएगा तो उनपर क्या बितती होगी उसका अंदाजा आप इसी ख़बर से लगा सकते है। जयपुर के सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक खानाबदोश महिला को शुक्रवार(28 जुलाई) की रात को सड़क पर लेटकर बच्चे को जन्म देना पड़ा।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रात करीब 10 बजे प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को उसके परिजन जयपुरिया अस्पताल लेकर आए लेकिन अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने भर्ती करने से मना कर दिया। महिला के साथ में आए परिजन डॉक्टर से भर्ती करने के लिए आग्रह करते रहे, लेकिन डॉक्टर ने एक ना सुनी।

ऐसे में मजबूरी में प्रसुता के साथ आयी महिलाओं ने अस्पताल के बाहर सड़क पर ही चादर तानकर उसका प्रसव करवा दिया। ख़बरों के मुताबिक, महिला अलवर के घोसरा की रहने वाली है जो अपने परिवार के साथ साथ सांगानेर एयरपोर्ट के पास झुग्गी झोपड़ी में रहती है।

दैनिक भास्कर की ख़बर की मुताबिक, शुक्रवार रात करीब 9 बजे उसकी पत्नी अशोका बाई को प्रसव पीड़ा हुई। साथ में रह रही महिला के सहयोग से सांगानेर अस्पताल लेकर गए। जहां पर दर्द नहीं रुका तो डॉक्टरों ने जयपुरिया रैफर कर दिया। एम्बुलेंस से अशोका बाई को लेकर 10 बजे जयपुरिया पहुंच गए। यहां पर डयूटी पर तैनात महिला डॉक्टर को दिखाने पहुंचे। तो वे बोलीं- इसको अभी यहां क्यों लेकर आएं हो, इसको सुबह होगी डिलेवरी।

अशोका बाई का दर्द नहीं रुका तो साथ गई महिला ने भर्ती करने के लिए आग्रह किया। लेकिन उसके बाद भी डॉक्टर नहीं मानीं तो बहस हुई फिर धक्का-मुक्की हो गई जिसके बाद उन्हें बाहर निकाल दिया गया। जिसके बाद अशोका बाई सड़क पर लेटी प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी। जिस के बाद वहां पर मौजूद महिलाओं ने अशोका बाई को घेरा बनाकर छिपाया और करीब 11 बजे प्रसव कराया।

 

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