मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोचिंग क्लास से लौटते वक्त चार लोगों की दरिंदगी का शिकार हुई 19 साल की छात्रा ने मीडिया के सामने आकर अपना दर्द बया किया है और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
रविवार सुबह समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए पीड़ित छात्रा ने कहा कि, वह अपने पिता के साथ इस थाने से उस थाने भटकी रही। लेकिन मदद के लिए कोई पुलिसवाला नहीं आया। साथ ही पीड़िता ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी सजा की मांग भी की है। पीड़िता ने कहा कि ऐसे लोगों को जीवित नहीं छोड़ा जाना चाहिए और चारों को चौराहे पर फांसी लगाना चाहिए।
पीड़िता में पुलिस की कार्यशैली को लेकर भी खासा गुस्सा है। उसने कहा कि हबीबगंज टीआई को छोड़कर किसी ने भी उसकी मदद नहीं की, पीड़िता ने बताया कि पुलिसवाले हादसे पर ही सवाल उठा रहे थे।
Police's behavior was bad; we were going from one police stn to another but none cooperated except a Habibganj Insp- Bhopal gang-rape victim pic.twitter.com/uHVgFSxKb3
— ANI (@ANI) November 5, 2017
दरअसल, गैंगरेप का ये मामला मामला 31 अक्टूबर का है। भोपाल के थाना हबीबगंज क्षेत्र में कोचिंग कर लौट रही पीडि़ता को पहले दो लोगों ने किडनैप किया और फिर बाद में दो लोग और आए और कई बार सामूहिक बलात्कार किया।इतना ही नहीं उन्होंने छात्रा की जान लेने की भी कोशिश की, छात्रा शहर में रहकर आईएएस की तैयारी कर रही है।
पीड़िता घटना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने गई, तो पुलिस ने सीमा विवाद के चलते 24 घंटे तक केस दर्ज नहीं किया। बता दें कि, युवती के माता-पिता दोनों पुलिस में हैं और भोपाल से बाहर पदस्थ हैं। इस घटना में पुलिस की लापरवाही के चलते शिवराज सरकार की काफी किरकिरी हो रही थी।
इसी वजह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार सुबह एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर मामले की जांच में लापरवाही बरतने पर तीन थाना प्रभारियों को सस्पेंड कर दिया गया।
वही एक सीएसपी को भी मुख्यालय अटैच करने के आदेश जारी हुए है। डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला ने गैंगरेप मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।