योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में गत महीने 26 जून को 100 दिन पूरे हो गए, बीजेपी सरकार ने 19 मार्च 2017 को कामकाज संभाला था। यूपी की योगी सरकार लगातार पिछली अखिलेश यादव की सरकार में हुए घोटालों की जांच करवा रही है। ख़बर है कि, अब सरकार पिछली सरकार के दिए गए ठेकों की ‘विस्तृत विशेष ऑडिट’ कराएगी।
photo- Khabar NonStopमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस जांच में अधिकारी लागत तय सीमा से अधिक दिखाने, ठेके देने की शर्तों का उल्लघंन, जरूरी मंजूरी न लेने और एक पार्क में सांप को पकड़ने के लिए 9 करोड़ रुपए खर्च करने की विशेष जांच होगी। राज्य सरकार ने अखिलेश सरकार की तीन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में हुई कथित घोटाले की शिकायतों के बाद ये फैसला लिया है। जनसत्ता की ख़बर के अनुसार, सरकारी ऑडिट में कुछ विशेष आरोपों की खास तौर पर जांच की जाएगी।
जिसमें जनेश्वर मिश्रा पार्क परियोजना में 20-20 लाख रुपए की नाव की खरीद, 14 करोड़ रुपए की घास लगाने, पार्क में सांप पकड़ने के लिए 9 करोड़ रुपए दिए जाने की जांच की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने जनेश्वर मिश्रा पार्क और जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर के निर्माण में आई लागत, पुराने लखनऊ के हुसैनाबाद इलाके के विस्तार के खर्च की “विस्तृत ऑडिट” के आदेश दे दिए हैं।
ख़बर के मुताबिक, इन तीनों परियोजनाओं का काम अखिलेश यादव की निगरानी में हुआ था। बता दें कि, योगी आदित्य नाथ ने 19 मार्च 2017 को सीएम पद की शपथ ली थी और दो महीने बाद मई में लखनऊ के डिविजनल कमिश्नर अनिल गर्ग ने इन तीनों परियोजनाओं की जांच के लिए तीन अलग-अलग कमेटियां बनाईं।
इन कमेटियों ने अपने रिपोर्ट में पिछले हफ्ते “विशेष ऑडिट” की अनुशंसा की थी। हर कमेटी में लोक निर्माण विभाग के एक चीफ इंजीनियर, एक सुपरिटेंडिंग इंजीनियर और दो एग्जिक्यूटिव इंजीनियर और अन्य सदस्य हैं।
गौरतलब है कि, इससे पहले राज्य के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने साफ किया था कि अखिलेश सरकार के आगरा-एक्सप्रेस हाइवे के बनने में तय समय-सीमा और अनुमानित धनराशि में जांच की आवश्यकता है जो हम करेंगे।