बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को अमरावती की सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की FIR रद्द करने की एक याचिका को खारिज कर दिया। दोनों के खिलाफ दूसरा FIR मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ़्तारी का विरोध करने के लिए दायर किया गया था। राणा दंपत्ति ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा की थी।
उन्हें देशद्रोह के आरोप में पहले गिरफ्तार किया गया था और बाद में उनके खिलाड़ दूसरा फिर FIR भी दर्ज किया गया था।
न्यायमूर्ति पीबी वराले और न्यायमूर्ति एसएम मोदक की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने राणा दंपति की याचिका को खारिज करते हुए तीखी टिप्पणी की।
लाइवलॉ के अनुसार, हाई कोर्ट की बेंच ने कहा, “… यह घोषणा कि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के निजी आवास में या यहां तक कि सार्वजनिक स्थान पर कुछ धार्मिक छंदों का पाठ करेगा, निश्चित रूप से सबसे पहले किसी अन्य व्यक्ति की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन है।”
"and secondly if declaration is made that a particular religious verse would be recited on public Street, the state is justified in carrying apprehension that such act would result in disturbance to law and order."
— Live Law (@LiveLawIndia) April 25, 2022
अदालत ने आगे कहा, “… और दूसरी बात यह है कि अगर घोषणा की जाती है कि सार्वजनिक सड़क पर एक विशेष धार्मिक कविता का पाठ किया जाएगा, तो राज्य को आशंका है कि इस तरह के कृत्य से कानून और व्यवस्था में गड़बड़ी होगी।”
राणा दंपति के खिलाफ देशद्रोह की अलग से FIR पहले ही दर्ज किया जा चूका है। बार और बेंच वेबसाइट के अनुसार, अदालत ने कहा कि ‘दोनों घटनाएं अलग-अलग हैं और वर्तमान याचिका अदालत की कृपा के योग्य नहीं है।’
अदालत के आदेश में कहा गया है, “राजनीतिक रूप से सक्रिय याचिकाकर्ताओं से जिम्मेदारी से व्यवहार करने की अपेक्षा की जाती है। महान शक्ति के साथ बड़ी जिम्मेदारी आती है। सक्रिय जीवन वाले व्यक्तियों के जिम्मेदार आचरण की अपेक्षा उचित अपेक्षा है।”
नवनीत राणा अमरावती से निर्दलीय सांसद हैं, जबकि उनके पति अमरावती जिले के बडनेरा से निर्दलीय विधायक हैं.