प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल के पहले दिन समाचार एजेंसी ANI को दिए अपने इंटरव्यू में राम मंदिर, लोकसभा चुनाव 2019, जीएसटी, नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक समेत कई मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखे। पीएम मोदी ने न्यूज एजेंसी ANI को 95 मिनट का लंबा इंटरव्यू दिया। आप प्रधानमंत्री के 95 मिनट के इस साक्षात्कार को वर्ष 2019 की पहली ‘राजनीतिक फिल्म’ भी कह सकते हैं।
हालांकि, कांग्रेस ने पीएम मोदी के इंटरव्यू को ‘पूर्वनियोजित’ करार दिया है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश के साथ प्रधानमंत्री मोदी के इंटरव्यू को लेकर संसद में तंज सका। राहुल ने बुधवार को लोकसभा में अपने भाषण में कहा कि पीएम मोदी ने ‘पूर्वनियोजित इंटरव्यू’ दिया। वहीं, इसके बाद उन्होंने संसद के बाहर कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान महिला पत्रकार के लिए ‘लचीला’ (pliable) शब्द इस्तेमाल किया।
इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष के इस बयान की आलोचना भी हुई। देश के पत्रकार संगठनों ने इस मामले को लेकर राहुल गांधी के प्रति अपनी नाराजगी तो जाहिर की ही साथ ही साथ यह मांग भी रखी कि राहुल गांधी अपनी टिप्पणी के लिए माफी भी मांगें। इस बीच राहुल गांधी के बयान पर जी न्यूज (Zee News) के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी ने उन्हें अक्टूबर 2018 में भेजा अपना वह पत्र याद कराया, जिस पर कांग्रेस अध्यक्ष ने आज तक कोई जवाब नहीं दिया।
‘हम किसी के मुखपत्र नहीं हैं’
सुधीर चौधरी ने अपने आधिकारिक ट्वटिर हैंडल पर वह पत्र शेयर किया है। सुधीर ने लिखा है कि कांग्रेस अध्यक्ष के द्वारा पत्रकारों को निशाना बनाए जाने पर कतई आश्चर्य नहीं है। उनकी सोच हमेशा यही रही है कि my way or the highway। वह उन सभी पर निशाना साधते हैं, जो लचीले नहीं हैं। मैं एक पत्र शेयर कर रहा हूं जो राहुल गांधी को अक्टूबर 2018 में लिखा था। इस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है।
सुधीर चौधरी सहित जी न्यूज के स्टेट ब्यूरो हेड और राजनीतिक संपादक ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा था कि जी न्यूज किसी का मुखपत्र यानी माउथपीस नहीं हैं। आपके (कांग्रेस) प्रवक्ता डिबेट में बीजेपी का मुखपत्र होने का आरोप लगाते हैं। जब उनके पास तथ्य नहीं होते तो वह इस तरह के आरोप लगाते हैं। यह नीति बिल्कुल हिट एंड रन की तरह है, लेकिन हम अपनी डिबेट में हर मत और विचार को शामिल करना चाहते हैं।
It’s no surprise that the Congress chief is targeting a journalist.Their approach has always been – my way or the highway. They target & tarnish those who aren’t pliant. Sharing a letter I wrote to Mr.Gandhi in Oct’18 urging him to refrain from the same.Response – stony silence pic.twitter.com/gkQaLEthBB
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) January 3, 2019
दरअसल, प्रेस कॉन्फेंस में एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश को ‘लचीला’ पत्रकार बताते हुए तंज सका था। राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘प्रधानमंत्री के पास आपके (मीडिया) सामने आने का साहस नहीं है। मैं यहां आता हूं। आप मुझसे कोई भी सवाल पूछ सकते हैं। मैं हर सात से 10 दिनों में यहां आता हूं। क्या आपने कल प्रधानमंत्री का इंटरव्यू देखा? लचीला (pliable) पत्रकार थीं। वह खुद सवाल भी कर रही थीं और प्रधानमंत्री का जवाब भी दे रही थीं।”
राहुल गांधी के इस बयान पर स्मिता प्रकाश ने पलटवार करते हुए ट्वीट कर कहा था कि वो पीएम पर हमला करना चाहते हैं तो करें, लेकिन उनका अपमान न करें। स्मिता प्रकाश ने लिखा, ”डियर मिस्टर राहुल गांधी, अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस पर आपने मुझ पर हमला किया। मैं सवाल पूछ रही थी, जवाब नहीं दे रही थी। देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष से ऐसी उम्मीद नहीं थी।”
Dear Mr Rahul Gandhi, cheap shot at your press conference to attack me. I was asking questions not answering. You want to attack Mr Modi, go ahead but downright absurd to ridicule me. Not expected of a president of the oldest political party in the country.
— Smita Prakash (@smitaprakash) January 2, 2019
देश के तमाम बड़े पत्रकारों ने ट्वीट कर स्मिता प्रकाश पर तंज सकने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की आलोचना की है। एडिटर्स गिल्ड, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, इंडियन वीमेन्स प्रेस कॉर्प्स और प्रेस असोसिएशन ने भी राहुल गांधी के बयान की आलोचना करते हुए कहा, ”पूर्व केंद्रीय मंत्री के कहे गए ‘प्रेस्टीट्यूट’ और हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष की ओर से कहे गए ‘लचीले’ शब्दों का इस्तेमाल गलत है।”