नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ देश के कई राज्यों में पिछले कुछ दिनों से जमकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे है। इस प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत कई राज्यों में हिंसात्मक घटनाएं भी हुईं, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। वहीं, दूसरी और केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में जन जागरण अभियान भी चला रही है।
इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार (5 जनवरी) को देश की राजधानी दिल्ली के लाजपत नगर पहुंचे। लाजपत नगर के जिस गली में अमित शाह का नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में जन जागरण अभियान कार्यक्रम था, उसी गली की एक घर में छत से CAA-NRC के खिलाफ बैनर टांगा गया और महिलाओं ने छत से नारेबाजी की। मंत्री अमित शाह को यह बैनर दिखाना दो महिलाओं को अब भारी पड़ गया है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ बैनर दिखाने वाली दो महिलाओं को उनके किराए के घर से निकाल दिया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सूर्या रजप्पन नामक महिला ने बताया कि, ‘जब हमें अमित शाह की रैली के बारे में पता चला तो हम लोग अपने संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार के तहत विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी करने लगे। एक आम नागरिक की तरह, गृह मंत्री के सामने अपना असंतोष जाहिर करने का इससे अच्छा मौका नहीं था। जब अमित शाह का काफिला हमारे सामने की सड़क से गुजरा, मैंने और मेरे फ्लैटमेट ने बालकनी से बैनर दिखाए, जिसपर लिखा था, शेम-सीएए और एनआरसी, आजादी और #NotInMyName, हमने किसी तरीके के आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग नहीं किया था।’
महिला ने आगे बताया, ‘हमारे विरोध पर ध्यान देने के बाद रैली में शामिल कुछ लोग भड़क गए और अपमानजनक टिप्पणी करते हुए हमें धमकाने के लिए आगे बढ़ने लगे। इसके बाद हमारे अपार्टमेंट के नीचे सड़क पर लगभग 150 की भीड़ एकत्र हो गई। हमारे बैनर फाड़ दिए गए, कुछ लोग सीढ़ियों के सहारे ऊपर आने लगे और मकान मालिक को धमकाने लगे। उन्होंने कहा कि अगर दरवाजा नहीं खोला तो उसे तोड़ देंगे। इससे हम लोग बुरी तरह डर गए और खुद को अपने कमरे में बंद कर लिया।’
महिला ने कहा कि वे लोग बाहर हंगामा करते रहे जब तक कि पुलिस वहां नहीं पहुंच गई। महिला ने कहा कि वे लोग घर में घिर गई थीं और वहां से निकल नहीं पा रही थीं। इसके बाद उन्होंने अपने दोस्तों से मदद मांगी। लेकिन जब वे लोग वहां पहुंचे, भीड़ ने उनको धक्का दिया और वहां से जाने को कहा। महिला ने पूरे मामले पर कहा, ‘हम लोग करीब 3-4 घंटे तक घिरे रहे। इसके बाद मकान मालिक ने कहा कि अब हम लोग इस घर में नहीं रह सकती हैं। इस बीच पुलिस और दोस्तों के लगातार दखल के बाद मेरे पिता घर में घुस पाए।’ महिला ने कहा कि करीब 7 घंटों के बाद पुलिस की मौजूदगी में हम लोगों ने अपना सामान पैक किया और वहां से निकले।
लाजपत नगर में अपने डोर टू डोर कैंपन के तहत अमित शाह ने कई लोगों से मुलाकात की और नागरिकता कानून के समर्थन में लोगों को पर्चे भी बांटे। लोगों से मिलकर अमित शाह ने नागरिकता कानून पर केंद्र सरकार का पक्ष रखा। बता दें कि, नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहे विपक्ष को साफ तौर पर अमित शाह कह चुके हैं कि सरकार इस कानून को वापस नहीं लेगी। वहीं, भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर नागरिकता कानून के समर्थन में जागरूकता अभियान चला रही है।
गौरतलब है कि, नागरिकता संशोधन कानून का कांग्रेस, टीएमसी समेत लगभग सभी विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं। दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम में इस ऐक्ट के विरोध में जोरदार प्रदर्शन हुए थे। देश के कई हिस्सों में लोग इसका विरोध करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली में भी हिंसक प्रदर्शन हुए थे। विपक्षी दलों की मांग है कि, सरकार यह कानून वापस ले।