न्यायिक ट्रिब्‍यूनल ने ED को लगाई फटकार, पूछा- ‘आसाराम की संपत्ति जब्त नहीं की, फिर सिर्फ जाकिर नाईक पर कार्रवाई क्यों?’

0

एक पीएमएलए न्यायाधिकरण ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को विवादास्पद इस्लामी उपदेशक जाकिर नाईक के खिलाफ दर्ज धन शोधन के एक मामले में कुर्क की गई अचल संपत्तियों पर कब्जा लेने से रोक दिया है। इस फैसले के बाद एजेंसी ने इसके खिलाफ अपील करने की बात कही है। मंगलवार (9 जनवरी) को सुनवाई के दौरान ईडी को फजीहत भी झेलनी पड़ी है।

फाइल फोटो।

न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक न्यायिक ट्रिब्‍यूनल ने इस मामले में जांच को लेकर ईडी को फटकार लगाई है। जस्टिस मनमोहन सिंह ने नाईक की अटैच की गई संपत्ति को ईडी के कब्‍जे में देने से मना करते हुए ईडी के वकील से कहा, ‘मैं ऐसे 10 बाबाओं के नाम बता सकता हूं जिनके पास 10 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा की संपत्ति है और उन पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। क्‍या आपने उनमें से एक के खिलाफ भी कार्रवाई की? आपने आसाराम बापू के खिलाफ क्‍या किया?’

रिपोर्ट के मुताबिक ट्रिब्‍यूनल के चेयरमैन ने माना कि ईडी ने पिछले 10 साल में आसाराम की संपत्ति जब्‍त करने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की, लेकिन नाईक के मामले में काफी तेजी से काम करती दिख रही है। ट्रिब्‍यूनल ने ईडी के वकील से पूछा कि जब चार्जशीट में ही तय अपराध नहीं बताए गए हैं तो फिर संपत्ति को जब्‍त करने का आधार क्‍या है?

इस पर वकील ने कहा कि नाईक ने युवाओं को अपने भाषणों के जरिए उकसाया है। इस पर जस्टिस सिंह ने बताया कि ईडी ने कोई भी प्रथम दृष्‍टया सबूत या किसी भी भ्रमित युवक का बयान पेश नहीं किया है कि किस तरह से नाईक के भाषणों से युवक अवैध कामों में उतरे।

न्यूज 18 के मुताबिक जस्टिस सिंह ने कहा, ‘क्‍या आपने किसी का बयान दर्ज किया कि वे कैसे इन भाषणें से प्रभावित हुए? आपकी चार्जशीट में तो यह भी दर्ज नहीं है कि 2015 ढाका आतंकी हमले में इन भाषणों की क्‍या भूमिका थी।’ बाद में जज ने कहा कि ऐसा लगता है कि ईडी ने अपनी सुविधा के हिसाब से 99 प्रतिशत भाषणों को नजरअंदाज कर दिया और केवल एक प्रतिशत पर विश्‍वास जताया।

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी के वकील से न्यायाधीश ने पूछा कि क्या आपने वे भाषण पढ़े जो चार्जशीट में शामिल हैं? मैंने ऐसे बहुत से भाषण सुने हैं और मैं आपको कह सकता हं कि अभी तक मुझे कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला है। इसके बाद न्यायाधिकरण ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया और ईडी को नाईक का चेन्नई में स्कूल व मुंबई में एक वाणिज्यिक संपत्ति का कब्जा लेने से रोक दिया।

ईडी इससे पहले नाईक की तीन संपत्तियों को अटैच कर चुकी है और इनमें स्कूल और मुंबई की संपत्तियां भी शामिल है। जज ने कहा कि अब ईडी इनका फिजिकल पजेशन नहीं ले पाएगी। इसके बाद न्यायाधिकरण ने सुनवाई टाल दी। न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि एजेंसी अपीलीय प्राधिकरण या न्यायाधिकरण के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेगी और मामले में यह झटके वाली बात नहीं है।

 

Previous articleGroup of former NCC cadets reunite in Goa, 23 years after undergoing life-changing experiences
Next article‘मुझे गर्व है अपने पति पर और ऐसे हर आदमी पर जो रिपब्लिक टीवी का बहिष्कार करता है, झूठ का बहिष्कार होना ही चाहिए’