झटका: जाकिर नाईक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से इंटरपोल का इनकार, भारत की अर्जी को किया खारिज, धार्मिक पक्षपात का लगाया गंभीर आरोप

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इस्लामी उपदेशक जाकिर नाईक मामले में इंटरपोल ने भारतीय जांच एजेंसियों को बड़ा झटका दिया है। दरअसल, नाइक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किए जाने संबंधी आग्रह को इंटरपोल ने रद्द कर दिया है। इंटरपोल ने भारत की अपील को ख़ारिज करने के पीछे भारत सरकार द्वारा नाईक के ख़िलाफ़ धर्म और राजनीति के आधार पर पक्षपात करने और सबूतों की कमी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।नाईक ने अपने वीडीओ संदेश में इंटरपोल के इस फ़ैसले पर इत्मिनान जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें सच्ची ख़ुशी उस समय होगी जैन उनके देश में उन्हें बेगुनाह घोषित किया जाएगा। शनिवार को इंटरपोल ने जाकिर नाईक को क्लीन चीट देते हुए सभी कार्यालयों को निर्देश दिया कि नाईक से संबधित सारे डेटा हटा दें।

इंटरपोल की रिपोर्ट के मुताबिक, नाईक के खिलाफ अब तक कोई आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है। इसका मतलब है कि इंटरपोल को मुंबई में एनआईए कोर्ट से पहले दायर चार्जशीट की कॉपी नहीं मिली है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जाकिर से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस्लामी उपदेशक के वकील ने फ्रांस में इंटरपोल के जनरल सेक्रटरी से उनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने से जुड़े आदेश को रद्द करने की मांग की थी।

वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा है कि इंटरपोल ने नाईक के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस के आग्रह को इसलिए रद्द किया, क्योंकि जिस समय इंटरपोल मुख्यालय में आग्रह दाखिल किया गया था उस वक्त नाईक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं हुई थी। एनआईए ने आगे कहा कि अब नाईक के खिलाफ मुंबई के एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है, इसलिए वह इंटरपोल के पास रेड कॉर्नर नोटिस के लिए नए सिरे से आग्रह करेंगे।

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