WHO के नए सर्वे में खुलासा- तीन में से एक महिला ने शारीरिक, यौन हिंसा का किया है सामना

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आज जमाना चाहें कितना भी बदल गया हो लेकिन आज भी महिलाओं पर होने वाले शोषण थमने का नाम नहीं ले रहा है। सड़क हो या ऑफिस महिलाएं खुद को कहीं भी सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं। देश में मासूम बच्चियों और महिलाओं से रेप व छेड़छाड़ की वरदाते कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी और उसके साझेदारों ने एक नए अध्ययन में पाया है कि दुनिया भर में तीन में से लगभग एक महिला ने अपने जीवनकाल में शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव किया है।

WHO
प्रतीकात्मक फोटो

विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंगलवार को जारी रिपोर्ट एक अध्ययन पर आधारित है। एजेंसी का कहना है कि यह अध्ययन महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर सबसे बड़ा अध्ययन है। इसमें यह भी पाया गया कि युवतियां जो किसी रिश्ते में थीं उनमें से एक चौथाई ने करीब 25 वर्ष की आयु पूरी होने तक अपने साथी द्वारा हिंसा का अनुभव किया।

आंकड़े में 2010 से 2018 की अवधि को शामिल किया गया है। इसमें कोविड-19 महामारी के प्रभाव को शामिल नहीं किया गया है। अध्ययन के अनुसार महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा में वृद्धि हुई है क्योंकि कई जगहों पर सरकारों ने लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों का आदेश दिया जिसके कारण कई लोग घर में घर के अंदर ही रहे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडहेनोम ग्रेबेयेसुस ने कहा, ‘‘महिलाओं के खिलाफ हिंसा हर देश और संस्कृति में है, जिससे लाखों महिलाओं और उनके परिवारों को नुकसान पहुंचा है और कोरोना वायरस (कोविड -19) महामारी के चलते यह बढ़ गई है।’’ उन्होंने सरकारों, व्यक्तियों और समुदायों से समस्या का समाधान करने में मदद करने का आग्रह किया। (इंपुट: भाषा के साथ)

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