पश्चिम रेलवे (डब्ल्यूआर) ने यू-टर्न लेते हुए गुरुवार (2 नवंबर) को उन खबरों को खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया था कि मुंबई-अहमदाबाद रूट की सभी ट्रेनों में 40 प्रतिशत सीटें खाली रहती हैं। रेलवे ने दावा किया है कि इन ट्रेनों में 100 फीसदी से अधिक सीटें भरी रहती हैं।
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर लिखा है कि मीडिया रिपोर्ट्स के विपरीत मुंबई-अहमदाबाद ट्रेन रूट पर चलने वाली ट्रेनों में यात्रियों की तादाद क्षमता से 100 फीसदी से भी अधिक होती है और बुलेट ट्रेन से इसे जबरदस्त लाभ पहुंचेगा। इसके साथ ही गोयल ने ट्विटर पर पश्चिम रेलवे का एक बयान भी पोस्ट किया है।
Contrary to media reports, Mumbai-Ahmedabad train section running at above 100% occupancy and will benefit immensely from Bullet train. pic.twitter.com/JXH8y34QVg
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 1, 2017
मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए एक बयान में पश्चिम रेलवे ने कहा है कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली ट्रेनों में 40 फीसदी सीटें खाली रहने से जुड़ी रिपोर्ट पर वह स्पष्ट करना चाहता है कि इस रूट में बीते 3 महीने में पश्चिम रेलवे को 30 करोड़ रुपये का घाटा होने की बात में तथ्यात्मक सच्चाई नहीं है।
हकीकत यह है कि इस रूट में 100 फीसदी से अधिक सीटें भरी रहती हैं। न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) रवींद्र भाकड़ ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के विपरीत उक्त 3 महीने में इस रूट से पश्चिम रेलवे की कुल कमाई 233 करोड़ रुपये रही।
क्या है मामला?
दरअसल, इससे पहले आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता अनिल गलगली ने सूचना के तहत प्राप्त जानकारी का हवाला दावा करते हुए कहा था कि पश्चिम रेलवे की वास्तविक कमाई और कमाई की संभावना में 29 करोड़ रुपये का फर्क है, क्योंकि मुंबई -अहमदाबाद रूट से गुजरने वाली ट्रेनों में 40 फीसदी सीटें खाली रहती हैं।
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पश्चिम रेलवे ने बताया है कि इस क्षेत्र में पिछले तीन महीनों में 30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, यानी हर महीने 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। गलगली द्वारा पूछे गए सवाल कि दोनों शहरों के बीच की ट्रेनों की कितनी सीटें भरी होती हैं?
पश्चिम रेलवे ने बताया था कि पिछले तीन महीनों में मुंबई-अहमदाबाद क्षेत्र की सभी ट्रेनों में 40 फीसदी सीटें खाली रही हैं, जबकि मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली ट्रेनों की 44 फीसदी सीटें खाली रही हैं। इसी रिपोर्ट के आधार पर कहा गया था कि मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलाई जाने वाली बुलेट ट्रेन घाटे का सौदा साबित हो सकती है।