शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गुरुवार (2 नवंबर) को मुंबई में मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। शिवसेना प्रमुख ने पुत्र आदित्य ठाकरे के साथ दक्षिण मुंबई के एक होटल में ठहरी ममता बनर्जी से भेंट की।
गौरतलब है कि शिवसेना और बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) दोनों की नोटबंदी समेत कई ज्वलंत मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और केंद्र की मोदी सरकार के साथ अनबन रही है। गत मंगलवार से शहर में मौजूद बनर्जी के कल कोलकाता लौटने की उम्मीद है।
बनर्जी ने जनवरी में कोलकाता में आयोजित होने वाले ‘बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट’ के चौथे संस्करण के मद्देनजर कल यहां शीर्ष उद्योगपतियों और बैंकरों से मुलाकात की थी। नोटबंदी के मुद्दे को लेकर भाजपा को घेरने के प्रयास में शिवसेना भी तृणमूल कांग्रेस के साथ आ गयी थी।
ठाकरे ने पिछले वर्ष नवंबर में पत्रकारों से कहा था कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शरद पवार (एनसीपी प्रमुख) के साथ बैठक करने में कुछ गलत नहीं है तो शिवसेना यदि एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर बनर्जी के साथ बात करती है तो उसमें भी कुछ गलत नहीं होना चाहिए।
बता दें कि शिवसेना NDA और महाराष्ट्र सरकार की सहयोगी है, इसके बावजूद कई मौकों पर उद्धव ठाकरे BJP के खिलाफ बयानबाजी कर चुके हैं। उधर, नोटबंदी के मुद्दे पर ममता ने मोदी सरकार की जमकर खिलाफत की थी। दोनों नेताओं के बीच मुलाकात से सियासी चर्चाएं बढ़ गई हैं।
शिवसेना ने राहुल गांधी की तारीफ में पढ़े कसीदे
इससे पहले शिवसेना ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की जमकर प्रशंसा की थी और कहा था कि राहुल में यह क्षमता है कि वह देश को नेतृत्व प्रदान कर सकें। शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा था कि कांग्रेस ने उनमें अपना नेतृत्व ढूंढा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को ‘पप्पू’ कहना गलत है, अब वो पप्पू नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों गुजरात की रैलियों में जिस तरह से राहुल एक के बाद एक तंज कस रहे हैं और अपनी बात रख रहे हैं वो ये समझने के लिए काफी है कि वो एक मैच्योर नेता हैं। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी को ‘पप्पू’ कहकर खूब मजाक उड़ाए थे।